महासमुन्द
1 को राज्योत्सव, 2 को रविवार, 3 से आंदोलन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,30अक्टूबर। सहकारी समिति प्रबंधकों सहित अन्य सहकारी कर्मियों ने कल धान खरीदी को लेकर वन रक्षक प्रशिक्षण विद्यालय में कलेक्टर द्वारा रखी गई बैठक का बहिष्कार कर दिया। जिले से एक भी सहकारी कर्मी बैठक में शामिल नहीं हुए। पिछले 3 दिनों से लगातार धान खरीदी से संबंधित प्रशासन की तैयारियां सहकारी कर्मियों के आंदोलन की वजह से लगातार प्रभावित हो रही है। जो बैंठक कल रखी गई थी, वह दरअसल 28 को होनी थी। लेकिन 28 को कर्मी धमतरी में आयोजित रैली में शामिल होने चले गये तो बैठक नहीं हो पाई।
अत: इस बैठक को कल बुधवार 3 बजे वनरक्षक प्रशिक्षण विद्यालय में रखा गया। लेकिन कल भी यह बैठक नहीं हो सकी। हालांकि बैठक का बहिष्कार कर कर्मियों ने अपने-अपने सोसायटी दफ्तरों में किसानों का कार्य किया। लेकिन बीते 2 बार समिति में ताला लगने की वजह से एग्रीस्टेक पंजीयन सहित अन्य धान खरीदी से संबंधित तैयारियां प्रभावित हैं। अब मात्र एग्रीस्टेक पंजीयन तथा कैरी फॉरवर्ड के लिए किसानों को आज 30 और कल 31 अक्टूबर का ही समय मिल रहा है।
इसके बाद 1 नवम्बर को राज्योत्सव अवकाश तथा 2 नवम्बर को रविवार साप्ताहिक अवकाश की वजह से सहकारी संस्थाएं बंद रहेगी। बाद 3 नवम्बर से सहकारी कर्मी अनिश्चिकालीन आंदोलन पर चले जाएंंंंंंगे। ऐसे में धान खरीदी को लेकर की जाने वाले प्रारंभिक तैयारियांंंंंंंंंंंंंंंंंबुरी तरह से प्रभावित हो जाएगी। वर्ष 2024 में भी इसी तरह हड़ताल की वजह से तैयारियां प्रभावित हुई थी। आनन-फानन में आधी अधूरी तैयारियों की वजह से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। छग सहकारी समिति कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने बताया कि धान खरीदी को लेकर बैठक के बहिष्कार के बाद आगामी 3 नवंबर से 11 नवंबर तक प्रदेश के सभी संभागों में कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की जाएगी। यदि मांगें नहीं मानी तो 12 नवंबर से प्रदेश स्तर पर हड़ताल शुरू होगा। छतीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के इस आह्वान में धान खरीदी कंप्यूटर संघ का भी पूरा समर्थन होने से समिति का कार्य ठप होने के आसार हैं। कर्मियों की मांगें है कि वर्ष 2023-24 में धान परिदान पश्चात हुई संपूर्ण सूखत मान्य कर राशि समितियों को देते हुए धान खरीदी वर्ष कंडिका में परिवहन के बाद संपूर्ण सूखत समिति को दें अथवा प्रत्येक सप्ताह संपूर्ण परिवहन हो। शून्य शार्टेज प्रोत्साहन का भी प्रावधान कर विभिन्न प्रदत्त कमीशन, प्रसांगिक, सुरक्षा व्यय में बढ़ोतरी की दुकानदारों के विक्रेताओं को प्रतिमाह 3 हजार रुपए दिया जाए। अधिकारी प्रभारी को खरीदी के सम्पूर्ण धान परिवहन मिलान अंतिम तक सूखत की जिम्मेदारी लिखित में जारी किया जाए। प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को वेतनमान देने के 1 लिए प्रति वर्ष प्रत्येक समितियों को 3.3 लाख रुपए प्रबंधकीय अनुदान राशि मध्यप्रदेश सरकार की भांति दी जाए। सहकारी कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने कहा है कि धान खरीद के अनुबंध से कुछ नीतियों में सुधार की महती आवश्यकता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो सोसायटियों की साख पर बुरा असर पड़ सकता है। जिसे बचाना आवश्यक है। 15 नवंबर से पूर्व कर्मचारियों की आवश्यक मांगों पर सरकार फैसला लें। ताकि धान खरीद जैसे सरकार की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की जा सके। खरीदी के लिए मात्र 17 दिन ही बाकी है। ऐसे मालूम हो कि समर्थन मूल्य पर धान में सोसायटी कर्मचारियों के आंदोलन से किसानों का पंजीयनए कैरी फारवर्ड, एग्रीस्टेक का कार्य प्रभावित होगा। कल 31 अक्टूबर तक यह सभी कार्य करने की अंतिम तारीख है और अभी तक 30 प्रतिशत किसानों का पंजीयन बाकी है।


