महासमुन्द

सहकारी समिति प्रबंधकों सहित कर्मियों का आंदोलन तेज
29-Oct-2025 3:44 PM
सहकारी समिति प्रबंधकों सहित कर्मियों का आंदोलन तेज

एग्रीस्टैक पंजीयन समेत कई कार्य प्रभावित, किसान हलाकान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 29 अक्टूबर। महासमुंद जिले भर के सहकारी समितियों के संचालक सहित ऑपरेटरों के मंगलवार को धमतरी में आयोजित रैली में चले जाने की वजह से जिले भर के सहकारी समितियों में ताला लटका रहा। इस दौरान आज यहां पहुंचने वाले किसानों का एग्रीस्टेक पंजीयन नहीं हो पाया। कल दिन भर किसान अपने-अपने पंचायतों के सहकारी दफ्तरों में जाते रहे, लेकिन वहां किसानों को सहकारी कर्मचारियों के आंदोलन में जाने संबंधित तख्तियां लटकी हुई मिली। दो दिन पूर्व भी जिले भर की सोसायटियां बंद होने की वजह से किसानों को तकलीफें हुई थीं। आंदोलन की दूसरी कड़ी में कल संभाग स्तरीय धरना-प्रदर्शन धमतरी में हुआ। किसानों का कहना है कि इस तरह की छुट्टियों से सोसायटियों की साख पर बुरा असर पड़ सकता है। जिसे बचाना आवश्यक है। जबकि आंदोलनकारियों का कहना है कि 15 नवंबर से पूर्व कर्मचारियों की आवश्यक मांगों पर सरकार फैसला लें, ताकि धान खरीद जैसे सरकार की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की जा सके। खरीदी के लिए मात्र 18 दिन ही बाकी है। समर्थन मूल्य पर धान में सोसायटी कर्मचारियों के आंदोलन से किसानों का पंजीयन, कैरी फारवर्ड, एग्रीस्टेक का कार्य प्रभावित होगा। मालूम हो कि 31 अक्टूबर तक यह सभी कार्य करने की अंतिम तारीख है और अभी तक 30 प्रतिशत किसानों का पंजीयन नहीं हुआ है। 15 नवंबर समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी होनी है। इससे पहले ही सहकारी समितियों में कार्यरत समिति प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, कर्मचारी, सेल्समेन और आपरेटरों ने अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। कल मांगों को लेकर कर्मियों ने एक दिवसीय संभागीय स्तर का प्रदर्शन धमतरी के गांधी मैदान में किया। जिसमें जिले के सभी कर्मचारी शामिल हुए।  छग सहकारी समिति कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने बताया कि कल एक दिवसीय संभागीय ज्ञापन रैली के पश्चात आगामी 3 से 11 नवंबर तक प्रदेश के सभी संभागों में कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की जाएगी। यदि मांगें नहीं मानी तो 12 नवंबर से प्रदेश स्तर पर हड़ताल शुरू होगा। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के इस आह्वान मे धान खरीदी कंप्यूटर संघ का भी पूरा समर्थन होने से समिति का कार्य पूरा ठप होने के आसार है।  उनकी मांग है कि वर्ष 2023-24 में धान समितियों को देते हुए धान खरीदी वर्ष परिदान पश्चात हुई संपूर्ण सूखत मान्य कर कंडिका में परिवहन के बाद संपूर्ण सूखत राशि समिति को दें अथवा प्रत्येक सप्ताह संपूर्ण परिवहन हो।

 

शून्य शार्टेज प्रोत्साहन का भी प्रावधान कर सहकारी समितियों, विभिन्न प्रदत्त कमीशन, सुरक्षा व्यय में बढ़ोतरी की जाए, मध्यप्रदेश सरकार की भांति शासकीय उचित मूल्य दुकानदारों के विक्रेताओं को प्रतिमाह 3 हजार रुपए दिया जाए। अधिकारी प्रभारी को खरीदी के सम्पूर्ण धान परिवहन मिलान अंतिम तक सूखत की जिम्मेदारी लिखित में जारी किया जाए। प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को वेतनमान देने के लिए प्रति वर्ष प्रत्येक समितियों को 3-3 लाख रुपए प्रबंधकीय अनुदान राशि मध्यप्रदेश सरकार की भांति दी जाए।         

उक्त मांगों को लेकर सहकारी समितियों में कार्यरत समिति प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, कर्मचारी, सेल्समेन और आपरेटरों ने 24 अक्टूबर को जिले में एक दिवसीय हड़ताल कर जिला मुख्यालय में रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।


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