महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,19 जून। जनजातीय कल्याण को समर्पित धरती आबा जनभागीदारी अभियान का आयोजन देशभर में 15 से 30 जून तक किया जा रहा है। इसी कड़ी में महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखंड के ग्राम पंचायत पेंड्रावन तथा बसना विकासखंड के ग्राम पंचायत जमदरहा में जागरूकता एवं लाभ परिपूर्णता शिविर आयोजित किया गया। इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय समुदायों को उनके संवैधानिक अधिकारों, सरकारी योजनाओं तथा कल्याणकारी लाभों के प्रति जागरूक करना और इन योजनाओं को जमीनी स्तर तक प्रभावी रूप से पहुंंंंंंंंंंंंंचाना है।
शिविर में ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। जहां जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में विभिन्न विभागों द्वारा सेवाएं प्रदान की गईं। पेंड्रावन शिविर में 146 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया गया। जिसमें 05 पात्र लोगों के आयुष्मान भारत कार्ड बनाए गए। जिससे उन्हें अब नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी। राशन कार्ड हेतु 15 आवेदन प्राप्त हुए। साथ ही जाति प्रमाण पत्र के लिए 34 और निवास प्रमाण पत्र हेतु 68 व्यक्तियों ने आवेदन जमा किया। वहीं पीएम किसान सम्मान निधि के लिए 02 कृषकों ने आवेदन किया। 02 श्रमिकों का जॉब कार्ड एवं 01 हितग्राही को वृद्धावस्था पेंशन के लिए चयन कर स्वीकृति प्रदान की गई तथा पीएम मातृत्व वंदन योजना के तहत 02 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा 17 लोगों का सिकल सेल स्क्रीनिंग एवं काउंसिलिंग किया गया।
इसी तरह जमदरहा शिविर में 70 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया गया। इनमें 6 हितग्राहियों के आधार कार्ड, 8 हितग्राहियों के राशन कार्ड, एक हितग्राही का आयुष्मान कार्ड, 21 लोगों का जाति प्रमाण पत्र एवं 21 लोगों का निवास प्रमाण पत्र बनाया गया। इसी तरह दो हितग्राहियों का जॉब कार्ड, 3 गर्भवती महिलाओं को पीएम मातृत्व वंदन योजना के तहत पंजीयन किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 8 लोगों का सिकल सेल स्क्रीनिंग किया गया।
शिविर के दौरान न केवल दस्तावेजी सेवाएं दी गई बल्कि ग्रामीणों को विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई और आवेदन प्रक्रिया में मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया। शासन द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान के तहत ऐसे शिविरों का लगातार आयोजन किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं से वंचित न रहे। शिविर के सफल आयोजन में स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, ग्राम पंचायत एवं विभिन्न विभाग के अधिकारी.कर्मचारियों की सक्रिय भूमिका रही।