महासमुन्द

खैर लकड़ी की तस्करी, वाहन जब्त
19-Jun-2025 3:30 PM
खैर लकड़ी की तस्करी, वाहन जब्त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

पिथौरा, 19 जून। स्थानीय वन विभाग द्वारा बेशकीमती खैर लकड़ी की तस्करी करते एक  वाहन को पकडऩे में सफलता हासिल की है। जब्त लकडिय़ों की कीमत तीन लाख रुपये आंकी जा रही है। बहरहाल वन विभाग भारतीय वन अधिनियम के तहत जांच कर वाहन राजसात की तैयारी कर रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की रात मुखबिर की सूचना के बाद स्थानीय प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी एस आर डड़सेना द्वारा अपनी टीम के साथ सांकरा परिवृत्त के आर.बी.चीप वनक्षेत्र में एक 407 वाहन  सीजी 04 जेबी 7897 को रोककर उसकी जांच की। वाहन की तलाशी में बहुमूल्य खैर लकड़ी भरी पाई गई। जिस पर विभाग ने भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52(1), सहपठीत धारा 20(4), छत्तीसगढ़ अभिवहन (वनोपज) नियम 2001 की नियम 3 एवं 5 के तहत आरोपी वाहन चालक पिथौरा निवासी राजकुमार अग्रवाल के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर वाहन जब्त किया गया। अब जब्त वाहन को राजसात हेतु प्रस्तावित किया जा रहा है। जब्त वाहन एवं वनोपज की कीमत लगभग 3 लाख रूपए आंकी गई है।

   उक्त लकड़ी लाल रंग की होती है। जिसका उपयोग लाल सिंदूर एवं पान में उपयोग होने वाला कत्था बनाने में होता है। क्षेत्र एवं आस-पास से लगातार खैर प्रजाति की अवैध तस्करी लम्बे समय से चल रही है। यह लकड़ी तस्करों द्वारा ओडिशा, पंजाब एवं हरियाणा क्षेत्र के अलावा पड़ोसी देश नेपाल में भी भेजी जाती है। जहां यह किलो के हिसाब से बेची जाती है।

पूर्व में भी लगातार पकड़ी जा रही खैर

क्षेत्र में खैर लकड़ी की तस्करी लगातार जारी है। विगत वर्ष वन विभाग द्वारा कोई आधा दर्जन तस्करों पर कार्यवाही कर खैर लकड़ी जब्त की जा चुकी है, परन्तु कम धरपकड़ एवं कम सजा के कारण तस्कर खैर की तस्करी छोड़ नहीं रहे और लगातार क्षेत्र से लगे प्रदेश ओडिशा सीमा पार कर इसकी तस्करी आसानी से की जा रही है।

ज्ञात हो कि क्षेत्र के अनेक जंगलो में भारी मात्रा में खैर के पेड़ थे, परन्तु तस्करी में तस्करों को हो रहे लाभ के चलते अब खैर के पेड़ भी जंगलो से अदृश्य होते दिख रहे हंै।


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