महासमुन्द

ग्राम जोबा में साल 2020 में जमीन बंटवारा संबंधी विवाद में कटार से जागृति-टीना-मनीष की हत्या की गई थी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,19जून। ग्राम जोबा में साल 2020 में जमीन बंटवारा संबंधी विवाद में हुए सामूहिक हत्याकांड के दोनों आरोपियों को न्यायालय प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संघपुष्पा भतपहरी ने आजीवन कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
अतिरिक्त लोक अभियोजक तेजेन्द्र चंद्राकर ने बताया कि सामूहिक हत्याकांड के आरोपियों परसराम गायकवाड़ और बज्रसेन गायकवाड़ को आरोपित अपराध अंतर्गत धारा 459 बीएनएस में घर घुसकर गंभीर अपराध किए जाने पर 10-10 साल की सजा और दोनों को 500-500 रुपए के अर्थदंड से और बीएनएस 302-34 के अंतर्गत तीन व्यक्तियों की हत्या के अपराध में तीन-तीन बार आजीवन सश्रम कारावास की सजा और 1000-1000 रुपए के अर्थदण्ड से और धारा 307-34 भारतीय दंड संहिता के तहत चार लोगों पर प्राणघातक हमला करने के तहत चार लोगों पर प्राणघातक हमला करने के अपराध में दोनों आरोपियों को 10-10 साल की सजा और 500-500 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
प्रकरण इस प्रकार था कि घटना 11 सितंबर 2020 के सुबह 4-5 बजे के आसपास आरोपी परसराम गायकवाड़ अपने पुत्र बज्रसेन दोनों निवासी ग्राम जोबा द्वारा जमीन बंटवारा संबंधी विवाद को लेकर ओसराम गायकवाड़ और जागृति गायकवाड़ के आंख में मिर्ची पाउडर डालकर कटार से प्राणघातक हमला कर दिया और जान से मारने की नीयत से गीतांजली गायकवाड, टीना गायकवाड, मनीष गायकवाड, ओमन गायकवाड, अनारबाई गायकवाड का गला निर्ममतापूर्वक रेत दिया। जिससे मौके पर ही जागृति गायकवाड, टीना गायकवाड व मनीष गायकवाड की मृत्यु हो गई थी।