महासमुन्द

मौसम वैज्ञानिकों के पूर्वानुमान भी सही नहीं बैठ रहा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,18जून। खेत खरीफ बोनी के लिए पूरी तरह तैयार है। जून महीने का एक पखवाड़ा भी निकल गया लेकिन मानसूनी बारिश नहीं है। ऐसे में अब किसानों की चिंता बढ़ गई है। यदि इस सप्ताह पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो खेती पिछडऩे की संभावनाएं तेज हो जाएंगी। किसानों के मुताबिक इस बार मानसून पूर्व होने वाली बारिश ने भी कोई खास दम नहीं दिखाया। पिछले 16 साल में पहली बार ऐसा हो रहा है कि जून माह में बारिश की स्थिति कमजोर है। जबकि इस बार प्रदेश की सीमाओं में मानसून समय से पहले पहुंच गया था। मौसम वैज्ञानिकों के पूर्वानुमान भी प्रकृति के समक्ष सही नहीं बैठ रहा है। लगातार मौसम वैज्ञानिक बारिश का येलो अलर्ट जारी कर रहे हैं लेकिन, बारिश है कि आती ही नहीं है।
मिली जानकारी के अनुसार जिले में पिछले 24 घंटों में जिले में 4 मिमी औसत बारिश हुई है। जिसमें सरायपाली में 1.04 मिमी, बसना में 4.0 मिमी और कोमाखान तहसील में 2.01 मिमी बागबाहरा में सबसे अधिक 17.0 मिमी बारिश हुई। शेष तहसील में बारिश हुई ही नहीं। जिले में एक जून से अभी तक मात्र 20.8 मिमी औसत बारिश हुई है। जिसमें सरायपाली में सबसे अधिक 29.09 मिमी, कोमाखान में 23.4, महासमुंद में 20, बसना में 19.09, बागबाहरा में 28.00 और सबसे कम बारिश पिथौरा तहसील में 4.8 मिमी बारिश हुई है।
बीते सोमवार को सरायपाली, बसना, कोमाखान और बागबाहरा में हल्की बारिश हुई। जिसके बाद से ही आज गर्मी और उमस से थोड़ी राहत मिली है। एक जून के बाद से अब तक जिले में मात्र 20.8 मिमी औसत बारिश हुई है। जबकि पिछले साल आज की तारीख तक 24.3 मिमी औसत बारिश हो चुकी थी। अवर्षा से तेज धूप और उमस से जहां जन.जीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं किसानों को धान फसल पिछडऩे की चिंता सता रही है। गौरतलब है कि मई के आखिरी हफ्ते बस्तर में समय पर पहुंचने के बाद मानसून थोड़ा कमजोर हो गया था। जिससे भीषण गर्मी और उमस ने लोगों को बेहाल कर रखा था। हल्के बादल और उमस के कारण पंखे कूलर पूरी तरह से फेल हो गए थे। शाम को घर के बाहर लोगों को थोड़ी राहत महसूस हो रही है। लेकिन घर के अंदर उमस और गर्मी से बुरा हाल था। जिले में 15 दिन पूर्व प्री.मानसून की अच्छी बौछार तो पड़ी पर बाद में आज तक जिले के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई, पर शेष में बारिश न होने और तेज धूप और उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया है।
मौसम विभाग के अनुसार अब प्रदेश के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढऩे के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है। समुद्र तल से 3.1 से 7.6 किमी ऊपर चक्रवात परिसंचरण बना हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। ऐसे में प्रदेश के कई इलाकों में हल्का से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। इसके साथ ही दो दिन बाद प्रदेश में एक-दो स्थानों में भारी बारिश हो सकती है।