महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 28 नवम्बर। जिले के कोमाखान थाने में लगभग 13 माह पूर्व ग्राम मनकी के राजाराम साहू की झोलाझाप डॉक्टर के इलाज के बाद हुई मौत पर दर्ज शिकायत पर विवेचनोपरांत ग्राम चन्दरपुर निवासी डॉ. मिलन सरकार के विरूद्ध बगैर किसी वैध दस्तावेज के चिकित्सीय कार्य करने और यह भी जानते हुए कि उसके इलाज से किसी की मौत हो सकती है, के बावजूद इलाज किया। उसके इलाज के दौरान हुई मौत के मामले में डॉक्टर के विरूद्ध धारा 304 एवं छग आयुर्विज्ञान अधिनियम की धारा 24 के तहत संपूर्ण विवेचना के बाद मामला पंजीबद्ध किया है। किसी झोलाछाप डॉक्टर के विरूद्ध इस प्रकार क्षेत्र में पहला मामला है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक के परिजनों ने 13 अक्टूबर 2023 को कोमाखान थाने में राजाराम साहू की तबीयत 12 अक्टूबर 2023 की रात खराब होने पर उक्त डॉक्टर को दूसरे दिन बुलाकर उससे इलाज कराने एवं उसके द्वारा इंजेक्शन लगाये जाने के बाद तबीयत ज्यादा खराब होने पर अस्पताल ले जाये जाने के दौरान मृत्यु होने की शिकायत दर्ज करायी थी। इस पर पुलिस ने विवेचना के दौरान मृतक के पिता प्रभुराम साहू से डॉ.मिलन सरकार द्वारा मृतक को लगाये इंजेक्शन का रेपर ट्रोक्सोन 1000 एमजी पुलिस को सौंपा था।
विवेचना में पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम के बाद प्राप्त प्रिजर्व बिसरे का एफसीएल परीक्षण कराया गया। जिसमें वैज्ञानिक अधिकारी रासायनिक विष का लेख नहीं किया गया। उसके बाद प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर बागबाहरा के चिकित्सा अधिकारी से उसकी क्यूरी करायी गयी। किंतु उनके द्वारा मृत्यु के कारण का स्पष्ट उल्लेखना करते हुये लेख किया गया। हाईपर सेंसेविटी से मरीज की मृत्यु संभावित है।
विवेचना की प्रक्रिया में पुलिस ने मिलन सरकार से इलाज करने के संबंध में दस्तावेज मांगें। उत्तर में उसने किसी प्रकार का दस्तावेज ना होना लिख कर दिया। इसी कड़ी में जिला चिकित्सा अधिकारी के पास जांच हेतु भेजने पर उन्होंने जांच उपरांत मिलन सरकार के पास चिकित्सीय कार्य करने किसी प्रकार की डिग्री के प्राइवेट चिकित्सा करना एवं उसके द्वारा नर्सिंग होम एक्ट के तहत लायसेंस नहीं लेने का उल्लेख किया।
इस पूरी प्रक्रिया के बाद इस मामले का विधिक अभिमत लोक अभियोजक से प्राप्त किया गया। जिसके अनुसार मिलन सरकार द्वारा बिना चिकित्सा अधिकार, डिग्री लायसेंस के बिना चिकित्सा कार्य करने और इस बात की जानकारी भलीभांति होने कि उसके चिकित्सीय कार्य करने से किसी व्यक्ति की उपहति या मृत्युकारित हो सकती है। उसके बाद भी राजाराम को इंजेक्शन लगाया। जिससे मृतक राजाराम की मृत्युकारित हुई है। उक्त मतानुसार मिलन सरकार चन्दरपुर का कृत्य भादवि की धारा 304 एवं छग आयुर्विज्ञान की धारा 24 के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में पाये जाने पर मिलन सरकार के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।