महासमुन्द

सिंचाई के लिए बंद कर दिए गए कोडार सहित अन्य जलाशयों के गेट
जलस्र बढ़ा, तो ही पानी मिलेगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 7 सितम्बर। कोडार जलाशय सहित जिले के अन्य लघु जलाशयों के गेट अब सिंचाई के लिए बंद कर दिए गए हैं। अधिकारी कहते हैं कि सितंबर में अच्छी बारिश हुई और कोडार का जलस्तर बढ़ा, तो ही आगे पानी मिलेगा वरना जिल में सूखे जैसी स्थिति निर्मित हो जाएगी।
अब इन जलाशयों से दोबारा खेतों की सिंचाई नहीं होगी, क्योंकि इन जलाशयों में अब केवल 17 फीसदी पानी ही शेष बचा है। इन्हें गर्मी के दिनों में निस्तारी के लिए बचाकर रखा गया है। सितंबर में यदि अच्छी बारिश से जलाशयों में पानी का भराव होगा तो ही किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा।
गौरतलब है कि जिले के कोडार जलाशय में 10 फीट यानी 17 फीसदी पानी है। पानी छोडऩे के पूर्व यहां 20 फीट यानी 31 प्रतिशत पानी था। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता जेके चंद्राकर ने बताया कि इस बार पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण जलाशय नहीं भर पाए हैं। जलाशय में पानी नहीं होने के कारण किसानों को सिंचाई के लिए भी पानी पर्याप्त नहीं दे पा रहे हैं। जल उपभोक्ता समिति की बैठक में हुए निर्णय के आधार पर वृहद व लघु जलाशयों में 17 फीसदी पानी का भराव रखना है। इसके बाद जलाशयों में जो पानी है, उसे सिंचाई के लिए किसानों को दिया जाना है।
जल संसाधन विभाग से मिली रिपोर्ट की मानें तो 13 अगस्त से 4 सितंबर तक 52 जलाशय से पानी किसानों को दिया जा रहा था। नियम के तहत जिन बांधों में 17 प्रतिशत तक पानी है, उन बांधों से पानी देना बंद हो गया है।
कुल 15 जलाशयों से सिंचाई के लिए पानी किसानों को अभी भी दिया जा रहा है। बारिश नहीं होने से खेतों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाया है। किसानों ने फसलों की स्थिति देखकर बांधों से सिंचाई के लिए पानी छोडऩे की मांग की गई थी। इसके बाद भी जब विभाग ने पानी नहीं छोड़ा तो किसानों ने दबाव बनाया। फिर जल उपभोक्ता समिति की बैठक होने के बाद 52 बांधों से 4 सितंबर तक सिंचाई के लिए पानी छोड़ा गया। इन बांधों ने करीब 20 हजार 953 हेक्टेयर की सिंचाई हुई है।