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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 28 अक्टूबर। केंद्रीय विश्वविद्यालय गुरुघासीदास के छात्र अर्सलान अंसारी की रहस्यमय मौत के मामले में कांग्रेस ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। शनिवार को जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण और शहर) के एक प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल में ग्रामीण जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया, पूर्व महापौर रामशरण यादव, पूर्व जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष प्रमोद नायक, पूर्व सभापति शेख नजीरुद्दीन, प्रवक्ता ऋषि पांडेय और ब्लॉक अध्यक्ष विनोद साहू शामिल थे।
विजय केशरवानी ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा के उद्देश्य से हुई थी, लेकिन अब यह शिक्षा का मंदिर न रहकर एक खास विचारधारा के प्रचार का केंद्र बन गया है। जो छात्र प्रबंधन के खिलाफ आवाज उठाते हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। केशरवानी ने कहा कि बीएससी (भौतिकी) के पांचवें सेमेस्टर का छात्र अर्सलान 21 अक्टूबर से गायब था, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन और वार्डन को इसकी भनक तक नहीं लगी। उन्होंने कहा कि छात्र का शव तालाब में मिलने के बाद भी प्रबंधन को पता नहीं था कि कोई छात्र गायब है। यह लापरवाही गंभीर अपराध की श्रेणी में आती है।
उन्होंने कुलपति की संवेदनहीनता पर भी सवाल उठाया। कहा कि एक पिता अपने बेटे की मौत से शोकग्रस्त है, पर कुलपति ने उनसे मिलना तो दूर, शोक-संवेदना तक नहीं दी। जिस दिन विश्वविद्यालय में यह हादसा हुआ, उसी दिन परिसर में समारोह आयोजित करना घोर अनुचित था।
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि यह आत्महत्या नहीं लगती। उन्होंने पूछा कि अगर अर्सलान घूमने गया था तो उसके साथी कहां थे? उसके रूम पार्टनर से अभी तक कोई बयान क्यों नहीं लिया गया? यह पूरा मामला विश्वविद्यालय के प्रबंधन, वार्डन और सुरक्षा अधिकारियों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
विधायक दिलीप लहरिया ने कहा कि इस घटना से छात्रों में भय का वातावरण बन गया है, खासकर छात्राएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल विश्वविद्यालय का नहीं, बल्कि सरकार की नाकामी का भी प्रतीक है। लहरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बिहार दिवस मना सकते हैं, पर बिहार के छात्र को सुरक्षा नहीं दे सके। कांग्रेस न्याय मिलने तक इस लड़ाई को सड़क से सदन तक लड़ेगी।


