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बंगाल में एसआईआर में कोई बाधा नहीं, राज्य संवैधानिक रूप से इसका समर्थन करने के लिए बाध्य: सीईसी
27-Oct-2025 9:08 PM
बंगाल में एसआईआर में कोई बाधा नहीं, राज्य संवैधानिक रूप से इसका समर्थन करने के लिए बाध्य: सीईसी

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर। निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के कार्यान्वयन में कोई बाधा नहीं आएगी क्योंकि राज्य सरकारें मतदाता सूची में संशोधन के लिए उसे कर्मी उपलब्ध कराने के लिए संवैधानिक रूप से बाध्य हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब निर्वाचन आयोग ने नवंबर और फरवरी के बीच 12 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के दूसरे चरण के कार्यान्वयन की घोषणा की है।

इनमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल में एसआईआर कराये जाने पर वहां ‘‘खूनखराबे’’ की संभावना के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कुमार ने कहा, ‘‘इसमें (एसआईआर कराने में) कोई बाधा नहीं है।’’

कुमार ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत निर्वाचन आयोग को प्राप्त शक्तियों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘आयोग अपना कर्तव्य निभा रहा है और राज्य सरकारें संवैधानिक रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए बाध्य हैं...सभी संवैधानिक निकाय संविधान में निहित अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्यों की संवैधानिक जिम्मेदारी है... राज्य मतदाता सूची तैयार करने और चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग को आवश्यक कर्मी उपलब्ध कराने के लिए भी बाध्य हैं।’’

केरल में स्थानीय निकाय चुनावों के कारण वहां एसआईआर स्थगित करने की मांग पर एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि अभी तक स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है तथा इसलिए आयोग उस राज्य में एसआईआर कराने जा रहा है।

असम, पुडुचेरी और तमिलनाडु के साथ-साथ पश्चिम बंगाल और केरल में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। (भाषा)


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