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छत्तीसगढ़ का केस भी भेजने का निर्देश दिया चीफ जस्टिस ने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 जुलाई। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़, गुजरात, और महाराष्ट्र (बॉम्बे) हाई कोर्ट में लंबित चार जनहित याचिकाओं को एकसाथ सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। यह फैसला प्रोबो मीडिया टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर ट्रांसफर पिटीशन पर लिया गया, जिसमें तर्क दिया गया कि ऑनलाइन सट्टेबाजी से संबंधित समान मुद्दों पर अलग-अलग हाई कोर्ट्स में सुनवाई से परस्पर विरोधी फैसले हो सकते हैं।
इन याचिकाओं का मुख्य मुद्दा ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स, विशेष रूप से प्रोबो मीडिया टेक्नोलॉजीज जैसे प्लेटफॉर्म्स द्वारा कथित रूप से अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देना है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में दायर एक प्रमुख याचिका, सुनील नामदेव बनाम प्रोबो मीडिया टेक्नोलॉजीज, में दावा किया गया कि ये ऐप्स छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ऑनलाइन सट्टेबाजी पर लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन कर रहे हैं। याचिका में विशेष रूप से आईपीएल जैसे आयोजनों से संबंधित विज्ञापनों का उल्लेख किया गया, जो इन ऐप्स द्वारा प्रचारित किए जा रहे थे। इसी तरह की दो अन्य याचिकाएं गुजरात और बॉम्बे हाई कोर्ट में लंबित थीं, जो ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से जुड़े समान मुद्दों को उठाती हैं।
याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी की और तर्क दिया कि सभी याचिकाएं एक ही विषय, ऑनलाइन सट्टेबाजी के अवैध प्रचलन से जुड़ी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि इन मामलों को एकसाथ सुनना न्यायहित में होगा, ताकि एक समान और सुसंगत निर्णय सुनिश्चित हो सके।
18 जुलाई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इन चार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित किया जाए। कोर्ट ने यह फैसला इस आधार पर लिया कि अलग-अलग हाई कोर्ट्स में सुनवाई से परस्पर विरोधी फैसलों का जोखिम है, जो न्यायिक प्रक्रिया को जटिल बना सकता है। यह कदम ऑनलाइन सट्टेबाजी के नियमन और इसकी वैधानिकता से जुड़े व्यापक मुद्दों को संबोधित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
गुरुवार को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभू दत्त गुप्ता की डिवीजन बेंच ने सुनील नामदेव की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के 18 जुलाई के आदेश की जानकारी कोर्ट को दी गई। बेंच ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई के बारे में राज्य के गृह सचिव और केंद्र सरकार से शपथपत्र के माध्यम से जवाब मांगा था। मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की थी कि ऐसे ऐप्स बिना मेहनत के धन कमाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रहे हैं, और सरकार का दायित्व है कि वह इनकी निगरानी करे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को निर्देश दिया कि सुनील नामदेव बनाम प्रोबो मीडिया टेक्नोलॉजीज से संबंधित सभी रिकॉर्ड्स को तत्काल सुप्रीम कोर्ट को भेजा जाए।
मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स, जैसे कि महादेव सट्टा ऐप, के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला के आरोपों में जांच कर रहा है। सुनील नामदेव की याचिका विशेष रूप से प्रोबो मीडिया टेक्नोलॉजीज पर केंद्रित है, लेकिन यह ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ व्यापक अभियान का हिस्सा है, जिसमें गूगल और मेटा जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को भी नोटिस जारी किए गए हैं।