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(आसिम कमाल)
महू (मप्र), 27 जनवरी। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को दावा किया कि देश में दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और सामान्य जाति के गरीब लोगों को फिर से ‘‘गुलाम’’ बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि 21वीं सदी के लिए सत्तारूढ़ भाजपा का दृष्टिकोण यह है कि ऐसे लोगों से या तो मजदूरी कराई जाए या आवाज उठाने पर जेल भेज दिया जाए।
गांधी पिछले कुछ दिन से अस्वस्थ थे जिसकी वजह से वह पिछले सप्ताह कर्नाटक के बेलगावी में ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली में भाग नहीं ले सके और साथ ही दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भी प्रचार नहीं कर पाए।
उन्होंने यहां एक रैली में कांग्रेस के सामाजिक न्याय के नारे पर जोर दिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर बी आर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया।
गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर उनकी इस टिप्पणी को लेकर हमला बोला कि अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना के दिन से ही भारत में ‘‘सच्ची आजादी’’ आई।
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि भागवत के बयान से पता चलता है कि वह संविधान में विश्वास नहीं करते।
उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी आंबेडकर के उस जीवन का अपमान है जो संविधान निर्माण के लिए समर्पित था।
आंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में हुआ था।
गांधी ने यहां ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कुछ दिन पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि भारत को आजादी 15 अगस्त 1947 को नहीं मिली थी और असली आजादी तो मोदी जी के आने के बाद मिली है। यह संविधान पर सीधा हमला है।’’
हाथ में संविधान की प्रति लिए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह आंबेडकर का संविधान है और कुछ दिन पहले मोहन भागवत ने इसका अपमान किया था। उन्होंने कहा था कि संविधान हमें आजादी नहीं देता और संविधान का इससे कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि उनके मुताबिक असली आजादी तो मोदी जी के आने के बाद मिली है। इसका मतलब है कि वह (भागवत) संविधान में विश्वास नहीं करते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आंबेडकर जी का जीवन इस संविधान को बनाने के लिए समर्पित था और मोहन भागवत ने इसका सीधे तौर पर अपमान किया है।’’
गांधी ने दावा किया कि दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और सामान्य जाति के गरीब लोगों को ‘‘फिर से गुलाम बनाया जा रहा है’’।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं हैरान हूं कि आपकी जिंदगी बर्बाद हो रही है और आप चुपचाप देख रहे हैं।’’
भागवत की ‘‘आजादी’’ संबंधी टिप्पणी का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा, ‘‘क्या आपने राम मंदिर के उद्घाटन में किसी गरीब व्यक्ति को देखा? उन्होंने आदिवासी राष्ट्रपति को मंदिर के अंदर नहीं जाने दिया, उन्होंने दलितों और पिछड़ों को अंदर नहीं जाने दिया। संसद के उद्घाटन पर उन्होंने राष्ट्रपति को अंदर नहीं जाने दिया। मोदी जी ने कहा कि आप आदिवासी हैं, आप अंदर नहीं आ सकते।’’
रैली में बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि आजादी से पहले दलितों, पिछड़ों तथा आदिवासियों को कोई अधिकार नहीं था और तब केवल महाराजाओं एवं राजाओं को ही अधिकार प्राप्त थे।
उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के साथ बदलाव आया। आपको जमीन और अधिकार मिले। भाजपा-आरएसएस आजादी से पहले का भारत चाहते हैं, जहां आम लोगों के पास कोई अधिकार नहीं था और केवल अदाणी तथा अंबानी जैसे लोगों के पास अधिकार थे। वे चाहते हैं कि जब देश अरबपतियों द्वारा चलाया जा रहा है तो गरीब चुप रहें और सपने न देखें।’’
यह उल्लेख करते हुए कि देश में विचारधाराओं की लड़ाई हो रही है, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस है जो संविधान में विश्वास करती है और इसके लिए लड़ रही है, और दूसरी तरफ भाजपा तथा आरएसएस हैं जो आंबेडकर और महात्मा गांधी के संविधान के खिलाफ हैं एवं इसे नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने रैली में कहा कि संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, बल्कि यह हजारों वर्षों की भारत की सोच को प्रतिबिंबित करता है।
रैली में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता जयराम रमेश, के सी वेणुगोपाल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी तथा अन्य शामिल थे।
उन्होंने कहा कि क्योंकि भाजपा संविधान को खत्म करना चाहती थी, इसीलिए उसने पिछले साल के लोकसभा चुनाव में ‘‘400 पार’’ का नारा दिया था।
गांधी ने कहा कि कांग्रेस सहित पूरे विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ी और चुनाव के बाद मोदी को संविधान के सामने झुकना पड़ा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जिस दिन संविधान खत्म हो जाएगा, देश के गरीब लोगों के लिए कुछ भी नहीं बचेगा।
गांधी ने कहा, ‘‘दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के लिए कुछ नहीं होगा। अदाणी और अंबानी जैसे लोगों को देश के संसाधन सौंपे जा रहे हैं। संविधान में यह कहां लिखा है कि सभी संसाधन अदाणी को दिए जाएं? संविधान कहता है कि सभी नागरिक समान हैं और सभी भारतीयों को सपने देखने का अधिकार है।’’
प्रत्यक्ष तौर पर अनंत अंबानी की शादी पर कटाक्ष करते हुए गांधी ने कहा कि अरबपति अपने बच्चों की शादी पर हजारों करोड़ रुपये खर्च करते हैं, लेकिन जब ‘‘आप अपने बच्चों की शादी करना चाहते हैं, तो आपको कर्ज लेना पड़ता है।’’
उन्होंने कहा कि अदाणी और अंबानी जितनी अधिक प्रगति करेंगे और पैसा अरबपतियों के हाथों में केंद्रित होगा, आम लोगों के पास उतना ही कम रोजगार होगा।
गांधी ने दावा किया कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ‘‘गरीबों को खत्म करने के माध्यम’’ के रूप में लाए गए।
उन्होंने कहा, ‘‘वे योजनाएं नहीं, बल्कि हथियार हैं। जीएसटी गरीब लोगों द्वारा दिया गया है। आपकी जेब से लाखों करोड़ रुपये लूटे जा रहे हैं। अरबपतियों के लगभग 16 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ किए गए। यह आपका पैसा था।’’
गांधी ने कहा, ‘‘नौकरियों के बिना प्रमाणन का कोई मतलब नहीं है। यहां तक कि आईआईटी और आईआईएम के छात्रों को भी रोजगार नहीं मिल रहा है।’’
उन्होंने यह पता लगाने की जरूरत पर बल दिया कि देश के कितने संसाधन दलितों, आदिवासियों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के पास हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि भारत की 500 सबसे बड़ी कंपनियों के मालिकों में दलित, आदिवासी और पिछड़े नहीं मिलेंगे।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि बजट में धन के आवंटन का निर्णय लेने में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की शायद ही कोई भागीदारी है क्योंकि केंद्रीय सचिवों में इन समुदायों का प्रतिनिधित्व बहुत कम है।
गांधी ने कहा, ‘‘न तो आपकी नौकरशाही में, न ही बजट तय करने में, न ही विश्वविद्यालयों और अस्पतालों के संचालन में और न ही किसी अन्य क्षेत्र में कोई हिस्सेदारी है। भाजपा बस चाहती है कि आप दो काम करें - या तो मजदूरी करें या यदि आप अपनी आवाज उठाते हैं तो जेल जाएं। यह 21वीं सदी के लिए उसका दृष्टिकोण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैंने मोदी जी से कहा कि आप ऐसा कभी नहीं करेंगे, लेकिन जहां भी हमारी सरकार आएगी, चाहे वह मध्यप्रदेश में हो या दिल्ली में, हम जाति सर्वेक्षण कराएंगे।’’
गांधी ने कहा, ‘‘कुछ समय में हम तेलंगाना में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की हिस्सेदारी का खुलासा करेंगे। हमने तेलंगाना और कर्नाटक में काम शुरू कर दिया है। यह एक क्रांतिकारी कदम होगा क्योंकि लोगों को उनकी वाजिब हिस्सेदारी के बारे में पता चलेगा। हम पूरे देश में जाति सर्वेक्षण कराएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी डरते हैं। वह इसे पूरा नहीं करना चाहते। वे (भाजपा) इसे कभी लागू नहीं करेंगे। मोदी जी कहते हैं कि वह ओबीसी हैं, लेकिन अभी भी पिछड़ों को अपनी ताकत का पता नहीं है। यह एक अन्याय है और यही कारण है कि हम जाति सर्वेक्षण कराएंगे।’’
गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस लोकसभा और राज्यसभा में इस आशय का विधेयक पारित कराकर आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटवाएगी।
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने पार्टी कार्यकर्ताओं से संविधान की रक्षा करने का आग्रह किया। (भाषा)