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पंजाब ने कहा, मॉडर्ना ने राज्य को सीधे वैक्सीन देने से किया इनकार, कंपनी केवल केंद्र से करती है डील
23-May-2021 6:58 PM
पंजाब ने कहा, मॉडर्ना ने राज्य को सीधे वैक्सीन देने से किया इनकार, कंपनी केवल केंद्र से करती है डील

मोहम्मद ग़ज़ाली

चंडीगढ़: अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना ने उसे सीधे कोरोना वैक्सीन भेजने के पंजाब सरकार के अनुरोध को ठुकरा दिया है. पंजाब के वरिष्ठ आईएएस और कोविड वैक्सीनेशन के नोडल अफसर विकास गर्ग ने रविवार को ये जानकारी साझा की. अमेरिकी दवा कंपनी ने पंजाब सरकार को स्पष्ट तौर पर बताया है कि वो केवल भारत सरकार से डील करती है. अमेरिकी कोविड वैक्सीन निर्माता कंपनी की ओर से यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब राज्य सरकारें कोरोना वैक्सीन हासिल करने के लिए दूसरे देशों से लगातार संपर्क साध रही हैं. कई राज्यों ने वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर भी जारी किए हैं. केंद्र द्वारा 18 से 44 साल के लोगों के टीकाकरण की जिम्मेदारी राज्यों पर डाल देने के बाद राज्यों को वैक्सीन के लिए जूझना पड़ रहा है.

देश में फिलहाल दो कंपनियां वैक्सीन का निर्माण कर रही हैं. इनमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड और भारत बायोटेक कोवैक्सीन का निर्माण कर रही है. भारत में वैक्सीन की कमी को पूरा करने के लिए रूस की वैक्सीन स्पूतनिक वी को भी आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. हालांकि आपूर्ति का संकट बना हुआ है. ऐसे में राज्य फाइजर, मॉडर्ना और अन्य वैक्सीन निर्माता विदेशी कंपनियों से भी संपर्क साध रहे हैं.

राज्यों का कहना है कि केंद्र सरकार को ही सभी आयुवर्ग के लोगों के टीकाकरण का भार उठाना चाहिए. विदेशी कंपनियों से भी वैक्सीन के लिए बातचीत भी केंद्र की जिम्मेदारी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वयं रविवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में इस मुद्दे पर अपनी बात रखी.

वहीं भारत सरकार दावा कर रही है कि देश में 2021 के अंत तक कोविड वैक्सीनों की दो अरब खुराक उपलब्ध होंगी. उसने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ने और विदेश से अन्य वैक्सीन मंगाने का आंकड़ा भी दिया है. वैक्सीन की किल्लत के बीच केंद्र सरकार ने कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच अंतर भी बढ़ाकर 84 दिनों तक का कर दिया है. 


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