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नए पोप का चुनाव हो गया है. अमेरिका के 69 वर्षीय कार्डिनल रॉबर्ट प्रिवोस्ट अब लियो 14वें के नाम से नए पोप होंगे.
पोप फ्रांसिस की मौत के बाद नए पोप को चुनने के लिए बुधवार को 133 कार्डिनलों की बैठक शुरू हुई. इसके बाद गुरुवार को सिस्टीन चैपल की चिमनी से सफेद धुआं निकला, जो इस बात का प्रतीक है कि नए पोप का चुनाव हो गया है.
पोप के रूप में लियो 14वे ने सेंट पीटर्स बेलेसिका की बालकनी से अपने पहले संदेश में लोगों से "संवाद के जरिए पुल" बनाने को कहा. उन्होंने अपने पूर्वर्ती पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि भी दी.
नए पोप ने पहले भीड़ को इतालवी भाषा में संबोधित किया और उसके बाद स्पैनिश में. साथ ही उन्होंने लैटिन अमेरिकी देश पेरु में बिताए अपने बहुत से सालों को याद किया, जहां वो चिकलायो के आर्कबिशप बने.
कैथोलिक चर्च के हो हजार साल के इतिहास में लियो 14वें पहले पोप हैं जिनका संबंध उत्तरी अमेरिका से है.
बधाई संदेश
जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने नए पोप को बधाई दी है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि जर्मनी के लोग नए पोप को "आत्मविश्वास और सकारात्मक उम्मीदों के साथ देखते हैं."
उन्होंने कहा, "आपके कार्यालय के जरिए, आप बड़ी चुनौतियों से घिरे इस दौर में दुनिया भर के करोड़ों लोगों को उम्मीद और मार्गदर्शन मुहैया कराते हैं. बहुत सारे लोगों के लिए, आप न्याय और मेलमिलाप का लंगर है."
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पोप लियो 14वें को कैथोलिक चर्च का नया प्रमुख बनने पर बधाई दी है. ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "कार्डिनल रॉबर्ट फ्रांसिस प्रिवोस्ट को बधाई, जो अभी-अभी पोप बने हैं. यह बड़े सम्मान की बात है कि वह पहले अमेरिकी पोप हैं. क्या कमाल की बात है, हमारे देश के लिए कितने सम्मान की बात है."
ट्रंप ने उम्मीद जताई कि एक दिन वह लियो से मिलेंगे. उन्होंने लिखा, "मैं लियो 14वें से मिलने के लिए उत्साहित हूं. वह बहुत सार्थक पल होगा."
14 सितंबर 1955 को शिकागो में जन्मे पोप लियो 14वें 1977 में ऑर्डर ऑफ सेंट आगस्टीन में दाखिल हुए. उन्होंने कैथोलिक थियोलॉजी यूनियन ऑफ शिकागो से धर्मशास्त्र की पढ़ाई की. 27 की उम्र में वो पढ़ाई के लिए रोम गए. इसके बाद उन्हें एक मिशनरी के तौर पर पेरू भेजा गया. बाद में वो अमेरिका और पेरु में अहम पदों पर रहे.