सामान्य ज्ञान
भारत सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर दिया जाने वाला वार्षिक पुरस्कार है। गांधी जी के शांति सिद्धांतों को श्रद्धांजलि स्वरूप, भारत सरकार ने यह पुरस्कार 1995 में उनके 125वें जन्म-दिवस पर आरंभ किया था।
यह वार्षिक पुरस्कार उन व्यक्तियों या संस्थाओं को दिया जाता है, जिन्होंने सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बदलावों को अहिंसा एवं अन्य गांधीवादी तरीकों द्वारा प्राप्त किया है। पुरस्कार में 1 करोड़ रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और एक उत्तरीय दी जाती है। यह सभी राष्ट्रों, जातियों, लिंग के लोगों के लिए खुला है। प्रथम गांधी शांति पुरस्कार 1995 में तंजानिया के प्रथम राष्ट्रपति के जूलियस नायरेरे को प्रदान किया गया था। 2009 में यह पुरस्कार द चिल्ड्रेन्स लीगल सेंटर को दुनिया भर में बाल मानवाधिकार को बढ़ावा देने के लिए दिया गया। यह पुरस्कार नेल्सन मंडेला, वात्सलाफ हैवेल, जूलियस के नीरेरे, बाबा आम्टे, आर्चबिशप डेसमंड टूटू, ग्रामीण बैंक ऑफ बांग्लादेश, भारतीय विद्या भवन तथा रामकृष्ण मिशन को दिया जा चुका है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो) को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और उपग्रह आधारित सेवाओं के माध्यम से देश के विकास में योगदान के लिए 2014 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है।
अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय
अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय का गठन 29 जनवरी 2006 को किया गया, इसका उद्देश्य अल्पसंख्यकों की आकांक्षाओं को पूरा करना है।
इसके साथ ही उन्हें विकास के पथ पर शामिल करना है। अल्पसंख्यक मामले के मंत्रालय को यह अधिकार प्राप्त है कि वह अधिसूचित अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें और अल्पसंख्यक समुदायों के लाभ के लिए नीति, योजना, समन्वय, मूल्यांकन, नियामक ढांचे की समीक्षा और विकास कार्यक्रमों की रूप-रेखा तैयार करे। अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए मंत्रालय ने संरचना विकास, शैक्षिक अधिकारिता, आर्थिक आधिकारिता, महिला सशक्तिकरण और वक्फ विकास जैसी कई कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन किया है। इस समय इस विभाग के मंत्री के. रहमान खान हैं।


