सामान्य ज्ञान

मनुसंहिता
10-Feb-2021 12:47 PM
मनुसंहिता

मनुसंहिता हिन्दू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ है। भारत में वेदों के उपरान्त सर्वाधिक मान्यता और प्रचलन  मनुसंहिता का है। इसे  मनुस्मृति  भी कहा जाता है। इसमें सभी धार्मिक, सामाजिक और नैतिक कर्तव्यों का विवेचन है।  मनुसंहिता  का अंग्रेज़ी अनुवाद कई बार हो चुका है। इनमें से डॉ. बुहलर का अनुवाद सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने एक विद्वत्तापूर्ण भूमिका में कतिपय समस्याओं का उद्घाटन भी किया है।
इस ग्रंथ का प्रथम बार अंग्रेज़ी में अनुवाद सर विलियम जोंस ने  लार ऑफ़ मनु  नाम से किया था। मनुसंहिता का रचना काल ई. पू. एक हज़ार वर्ष से लेकर ई. पू. दूसरी शताब्दी तक माना जाता है।
इसकी रचना के संबंध में कहा गया है कि धर्म, वर्ण और आश्रमों के विषय में ज्ञान प्राप्ति की इच्छा स ऋषिगण स्वायंभुव मनु के समक्ष उपस्थित हुए। मनु ने उनको कुछ ज्ञान देने के बाद कहा कि मैंने यह ज्ञान ब्रह्मा से प्राप्त किया था और मरीचि आदि मुनियों को पढ़ा दिया। ये भृगु (जो वहां उपस्थित थे) मुझसे सब विषयों को अच्छी तरह पढ़ चुके हैं और अब ये आप लोगों को बताएंगे। इस पर भृगु ने मनु की उपस्थिति में, उनका बताया ज्ञान, उन्हीं की शब्दावली में अन्य को दिया। यही ज्ञान गुरु-शिष्य परंपरा में  मनुस्मृति या  मनुसंहिता  के नाम से प्रचलित हुआ।

दुनिया का सबसे कठोर पदार्थ
अब तक यही माना जाता था कि हीरा ही सबसे कठोर पदार्थ है। नए शोध के अनुसार अब ऐसा नहीं है। कठोरता के मामले में अब हीरा चौथे स्थान पर पहुंच गया है। 
 इस समय संसार का सबसे अधिक कठोर पदार्थ लांसडेलाइट है। इसके बाद बुर्टजाइट का स्थान आता है। उसके बाद नैनो पदार्थ और चौथे नंबर पर है हीरा। लांसडेलाइट की कठोरता हीरे से 58 प्रतिशत अधिक है। 
चीनी वैज्ञानिकों ने इन पदार्थों की कठोरता को परमाण्विक संरचना के साथ पेश किया है।  इस शोध दल ने बताया कि कैसे  कठोर प्रकृति के  तत्वों के परमाणु एक - दूसरे से बंधे होते हैं। 
लांसडेलाइट कार्बन का ही अपरूप है। इसकी क्रिस्टलीय संरचना , षटकोणीय होती है।  इसकी उत्पत्ति ग्रेफाइट युक्त उल्कापिंड के धरती से टकराने पर हुई है।  केन्यन डिबेलो ने 1967 में न्यूमैक्सिको में इसके खोजा। इसका रंग भूरा-पीला होता है। इसके परमाणु हीरे से अलग तरह के होते हैं। .
बुर्टजाइट, बोरॉन नाइट्राइट की संरचना हीरो जैसी होती है। लेकिन परमाणु अलग ढंग से व्यवस्थित होते हैं। 
इससे पहले मानव निर्मित नैनो पदार्थ की कठरोरता  हीरे से अधिक पाई गई थी। 

 


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