सामान्य ज्ञान

महायान
02-Feb-2021 12:34 PM
महायान

महायान एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है महान वाहन। यह दो प्रमुख बौद्घ परंपराओं में से एक है, जो चीन, कोरिया, जापान एवं तिब्बत में व्यापक रूप से प्रचलित। इस समुदाय के मंदिर भी अलग होते हैं। 
महायान बौद्घ संप्रदाय लगभग पहली सदी ई. में प्राचीन बौद्घ मत से उभरा, जो ज्यादा उदार एवं बौद्घ शिक्षा की अभिनव व्याख्या था। महायानवादी अधिक रूढ़ और परंपरावादी मतों से अपने को भिन्न मानते हैं, जिन्हें वे कुछ विरोध स्वरूप हीनयान (निम्र वाहन) कहते हैं। महायान का परंपरावादियों, जिसका आधुनिक विश्व में श्रीलंका, म्यांमार (भूतपूर्व बर्मा), थाइलैंड, लाओस एवं कंबोडिया का थेरवाद प्रतिनिधित्व करता है, से बुद्घ के स्वरूप एवं बौद्घों के आदर्श लक्ष्यों को लेकर मतभेद हैं। 
थेरवाद बौद्घ ऐतिहासिक गौतम बुद्घ का सत्य के शिक्षक के रूप में आदर करते हैं, जबकि महायानी बुद्घ को अलौकिक गुणयुक्त मानते हैं और ऐतिहासिक बुद्घ को ज्ञानातीत दिव्य बुद्घ की सांसारिक अभिव्यक्ति मानते हैं। आदर्श लक्ष्य, जिसके लिए सभी बौद्घों को प्रयास करना चाहिए। थेरवाद बौद्घ मत की तरह अर्हत या संपूर्ण संत बनना नहीं है, जिसे महायानी एक स्वार्थी लक्ष्य मानते हैं, बल्कि बोधिसत्व बनना है। ऐसा व्यक्ति, जिसने ज्ञान-प्राप्ति की स्थिति प्राप्त कर ली है, लेकिन अन्य लोगों की मुक्ति के लिए कार्य करने के वास्ते उसने बुद्घत्व को स्थगित कर दिया है। इस प्रकार बोधिसत्व के साथ संबद्घ मुख्य गुण करुणा को ज्ञान के समकक्ष दर्जा दिया गया है।

जलने से ऊर्जा क्यों निकलती है?
जितने भी तरल, ठोस और गैस ईंधन होते हैं उनमें तीन ज्वलनशील पदार्थों में से एक अवश्य रहता है-कार्बन, हाइड्रोजन या सल्फऱ। कोई भी ईंधन बिना ऑक्सीजन के नहीं जल सकता। जब ईंधन को जलाया जाता है तो ईंधन और ऑक्सीजन के अणु, पानी और कार्बन डाइऑक्साइड के अणुओं में बदल जाते हैं। इसमें जो रासायनिक प्रतिक्रियाएं होती हैं उससे भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। यह अतिरिक्त ऊर्जा कहीं तो जाएगी इसलिए यह तापीय ऊर्जा में परिणित हो जाती है। इसी को हम आम ज़बान में गर्मी कहते हैं।
 


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