सामान्य ज्ञान
शेषनाग
02-Dec-2020 12:38 PM
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जब-जब भगवान विष्णु का नाम आया है साथ ही शेषनाग का भी वर्णन मिला ही है। कहते हैं भगवान विष्णु हमेशा ही शेषनाग पर आराम करते हुए मिलते हैं, उन्हें उससे कोई अलग नहीं कर सकता। इसलिए रामायण काल में यदि मानवातार राम के रूप में विष्णुजी ने जन्म लिया था, तो साथी ही शेषनाग भी उनके अनुज लक्ष्मण बनकर धरती पर जन्मे थे।
पौराणिक कथाओं के अनुसार उस काल में जितने भी नाग हुए, वे सभी ऋषि कश्यप की संतानें थीं। कश्यप ऋषि की पत्नी कद्रू से उन्हें 8 पुत्र मिले जिनके नाम हैं- 1. अनंत (शेष), 2. वासुकि, 3. तक्षक, 4. कर्कोटक, 5. पद्म, 6. महापद्म, 7. शंख और 8. कुलिक।
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