सामान्य ज्ञान
दूसरे विश्व युद्ध के बाद जर्मनी दो हिस्सों में बंटा और 40 साल तक अलग अलग रहा, लेकिन 9 नवंबर 1989 को लोगों ने बर्लिन की दीवार गिरा दी। इसके बाद 3 अक्टूबर 1990 को जर्मनी एक हो गया। 155 किलोमीटर लंबी बर्लिन की दीवार के टुकड़े अब लोग अपने साथ लिफाफों में ऐतिहासिक समृति के तौर पर ले जाते हैं। इन्हें खूबसूरत रंगों में रंग कर बेचा जाता है।
बर्लिन की दीवार का निर्माण 13 अगस्त 1961 को शुरु हुआ और 9 नवम्बर, 1989 के बाद के सप्ताहों में इसे तोड़ दिया गया। बर्लिन की दीवार अंदरुनी जर्मन सीमा का सबसे प्रमुख भाग थी और शीत युद्ध का प्रमुख प्रतीक थी।
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जब जर्मनी का विभाजन हो गया, तो सैंकड़ों कारीगर और व्यवसायी प्रतिदिन पूर्वी बर्लिन को छोडक़र पश्चिमी बर्लिन जाने लगे। बहुत से लोग राजनैतिक कारणों से भी समाजवादी पूर्वी जर्मनी को छोडक़र पूंजीवादी पश्चिमी जर्मनी जाने लगे । इससे पूर्वी जर्मनी को आर्थिक और राजनैतिक रूप से बहुत हानि होने लगी। बर्लिन दीवार का उद्देश्य इसी प्रवासन को रोकना था। इस दीवार के विचार की कल्पना वाल्टर उल्ब्रिख़्त के प्रशासन ने की और सोवियत नेता निकिता ख्रुश्चेव ने इसे मंजूरी दी।
बर्लिन की दीवार बनने से यह प्रवास बहुत कम हो गया - 1949 और 1962 के बीच में जहां 25 लाख लोगों ने प्रवास किया वहीं 1962 और 1989 के बीच केवल 5 हजार लोगों ने। लेकिन इस दीवार का बनना समाजवादी गुट के प्रचार तंत्र के लिए बहुत बुरा साबित हुआ। पश्चिम के लोगों के लिए यह समाजवादी अत्याचार का प्रतीक बन गई, खास तौर पर जब बहुत से लोगों को सीमा पार करते हुए गोली मार दी गई। बहुत से लोगों ने सीमा पार करने के अनोखे तरीके खोजे - सुरंग बनाकर, गरम हवा के गुब्बारों से, दीवार के ऊपर गुजरती तारों पर खिसककर, या तेज रफ्तार गाडिय़ों से सडक़ अवरोधों को तोड़ते हुए।
1980 के दशक में सोवियत आधिपत्य के पतन होने से पूर्वी जर्मनी में राजनैतिक उदारीकरण शुरू हुआ और सीमा नियमों को ढीला किया गया। इससे पूर्वी जर्मनी में बहुत से प्रदर्शन हुए और अंतत: सरकार का पतन हुआ। 9 नवम्बर 1989 को घोषणा की गई कि सीमा पर आवागमन पर से रोक हटा दी गई है। पूर्वी और पश्चिमा बर्लिन दोनों ओर से लोगों के बड़े बड़े समूह बर्लिन की दीवार को पारकर एक-दूसरे से मिले। अगले कुछ सप्ताहों में उल्लास का माहौल रहा और लोग धीरे-धीरे दीवार के टुकड़े तोडक़र यादगार के लिए ले गए। बाद में बड़े उपकरणों का प्रयोग करके इसे ढहा दिया गया। इस तरह 3 अक्तूबर 1990 को जर्मनी फिर से एक हो गया।


