सामान्य ज्ञान
आजीविका कौशल भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की कौशल और रोजगार परक पहल है। आजीविका कौशल राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम)- आजीविका का एक घटक है। यह घटक ग्रामीण गरीबों को आय के विविध स्रोत उपलब्ध कराने की जरूरत पूरी करने तथा ग्रामीण युवाओं की व्यावसायिक आकांक्षाओं की पूर्ति करने के लिए तैयार किया गया है।
इसका उद्देश्य गरीब ग्रामीण युवाओं के कौशलों का विकास करके उन्हें न्यूनतम मजदूरी या उससे अधिक दरों पर नियमित मासिक मजदूरी वाले रोजगार दिलाना है। इस कार्यक्रम में ग्रामीण युवाओं की कौशल विकास और उन्हें औपचारिक क्षेत्र में रोजगार दिलाने पर जोर दिया जाता है। वर्ष 2013-14 में 5 लाख ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिनमें से 2 लाख 8 हजार 843 युवाओं को मार्च, 2014 तक प्रशिक्षित किया गया और 1 लाख 39 हजार 76 युवाओंं को रोजगार दिलाया गया।
भारत के सार्वजनिक उपक्रम
भारत सरकार द्वारा नियंत्रित एवं संचालित उद्यमों एवं उपक्रमों को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या पीएसयू कहा जाता है। केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार के आधिपत्य वाले वाले सार्वजनिक उपक्रम में सरकारी पूंजी की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत या इससे अधिक होती है। यदि पीएसयू में एक अथवा एक से अधिक राज्यों एवं केंद्र सरकार की साझेदारी है तब भी पूंजी हिस्सेदारी का प्रतिशत इसी प्रकार रहेगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का वर्गीकरण
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसयू) उद्यम, केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों) के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (सीपीएसई) भी सामरिक और गैर रणनीतिक श्रेणी में वर्गीकृत हैं। सामरिक सीपीएसई के क्षेत्र हैं-
1. हथियार और गोला बारूद और रक्षा उपकरणों व वस्तुओं और हवाई जहाज व युद्धपोतों से संबद्ध।
2. परमाणु ऊर्जा (परमाणु ऊर्जा और विकिरण और रेडियो आइसोटोप के उपयोग से कृषि, चिकित्सा और गैर सामरिक उद्योगों के संचालन से संबंधित क्षेत्रों को छोडक़र)
3. रेल परिवहन
अन्य सभी सीपीएसई उद्यमों को गैर रणनीतिक माना जाता है।


