सामान्य ज्ञान

कैनरी द्वीपसमूह
20-Aug-2020 1:47 PM
कैनरी द्वीपसमूह

कैनरी द्वीपसमूह स्पेन द्वारा नियंत्रित द्वीपों का एक समूह है जो अफ्रीका के उत्तर पश्चिमी छोर से आगे अंध महासागर में स्थित है। प्रशासनिक दृष्टि से यह स्पेन का एक स्वायत्त समुदाय है, जो लगभग एक राज्य जैसा दर्जा रखता है। इस द्वीपसमूह में (बड़े से छोटे) यह द्वीप आते हैं- तेनरीफ़  , ग्रान कानारिया, फ़्वेरतेवेन्तूरा, लान्सारोते, ला पाल्मा, ला गोमेरा, ला ईएरो  , ला ग्रासीओसा , आलेग्रान्सा, मोन्तान्या क्लारा, रोक दॅल एस्ते , रोक दॅल ओएस्ते और इस्ला दे लोबोस।

इस प्रदेश की दो राजधानियां हैं- तेनरीफ़ के द्वीप पर स्थित सान्ता क्रूस दे तेनरीफ़  और ग्रान कानारिया द्वीप पर स्थित लास पालमास दे ग्रान कानारिया। तेनरीफ़ पर पिको देल तेइदे  नाम का ज्वालामुखी स्थित है जो आकार में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ज्वालामुखी है। 

राजसूय यज्ञ  
भारत में प्राचीन काल में राजा-महाराजा अपने राज्य के विस्तार के लिए राजसूय यज्ञ किया करते थे।  ऐतरेय ब्राह्मण इस यज्ञ के करने वाले महाराजों की सूची प्रस्तुत करता है, जिन्होंने अपने राज्यारोहण के पश्चात पृथ्वी को जीता एवं इस यज्ञ को किया।

राजसूय यज्ञ सम्राट का प्रमुख कर्तव्य समझा जाने लगा। जनता इसमें भाग लेने लगी एवं इसका पक्ष धार्मिक की अपेक्षा अधिक सामाजिक होता गया। राजसूय यज्ञ चक्रवर्ती राजा बनने के लिए किया जाता था।

पौराणिक कथा के अनुसार ब्रह्मा ने पूर्वकाल में बड़े समारोह के साथ इस यज्ञ का अनुष्ठान किया था। उसी यज्ञ में दक्ष प्रजापति और शंकर में कलह मच गया था। ब्राह्मणों ने क्रोध में आकर नन्दी को शाप दिया था और नन्दी ने ब्राह्मणों को। यही कारण है कि भगवान शंकर ने दक्ष के यज्ञ को नष्ट कर डाला।

पूर्वकाल में दक्ष, धर्म, कश्यप, शेषनाग, कर्दममुनि, स्वायम्भुवमनु, उनके पुत्र प्रियव्रत, शिव, सनत्कुमार, कपिल तथा ध्रुव ने विष्णु यज्ञ किया था। उसके अनुष्ठान से हज़ारों राजसूय यज्ञों का फल निश्चित रूप से मिल जाता है।
 


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