सामान्य ज्ञान

आदित्य
30-Jul-2020 11:56 AM
आदित्य

आदित्य सूर्य देव का ही एक अन्य नाम है। माता अदिति के गर्भ से जन्म लेने के कारण इनका नाम आदित्य पड़ा था। विश्वदेव वरुण, शिव और विष्णु के लिए भी आदित्य नाम का प्रयोग किया जाता है।[1] दैत्य तथा राक्षस अदिति के देवता पुत्रों से ईष्र्या रखते थे, इसीलिए उनका सदैव देवताओं से संघर्ष होता रहता था। अदिति की प्रार्थना पर सूर्य देव ने अदिति के गर्भ से जन्म लिया और सभी असुरों को भस्म कर दिया। सूर्य की क्रूर दृष्टि के तेज से दग्ध होकर असुर भस्म हो गये। देवताओं को उनका खोया हुआ राज्य पुन: प्राप्त हो गया।

 विश्वकर्मा ने प्रसन्न होकर अपनी पुत्री संज्ञा का विवाह सूर्य (विवस्वान) से कर दिया। देवमाता अदिति और कश्यप के पुत्रों को  आदित्यगण  कहा जाता है, जो पहले चाक्षुष मन्वन्तर में बैकुंठ नामक साध्यगण हुए थे।  चाक्षुष युग में बारह आदित्यगणों को  तुषितगण कहते थे। इन बारह आदित्यों के नाम इस प्रकार हैं- इन्द्र,,धातृ, भग, त्वष्टा, मित्र, वरुण,  अर्यमन, विवस्वत, सवितृ, पूषन, अंशुमत और विष्णु।
 


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