सामान्य ज्ञान

मलिक मोहम्मद जायसी
24-Jun-2020 11:59 AM
मलिक मोहम्मद जायसी

मलिक मुहम्मद जायसी (जन्म- 1397 ई और 1494 ई  के बीच, मृत्यु- 1542 ई.) भक्तिकाल की निर्गुण प्रेमाश्रयी शाखा व मलिक वंश के कवि है। जायसी अत्यंत उच्चकोटि के सरल और उदार सूफ़ी महात्मा थे। हिन्दी के प्रसिद्ध सूफ़ी कवि, जिनके लिए केवल  जायसी  शब्द का प्रयोग भी, उनके उपनाम की तरह किया जाता है। यह इस बात को भी सूचित करता है कि वे जायस नगर के निवासी थे।  

जायस नाम का एक नगर उत्तर प्रदेश के रायबरेली जि़ले में आज भी वर्तमान है, जिसका पुराना नाम  उद्यान नगर -उद्यानगर या उज्जालिक नगर  बतलाया जाता है तथा उसके  कंचाना खुर्द  नामक मुहल्ले में मलिक मुहम्मद जायसी का जन्म स्थान होना कहा जाता है। कुछ लोगों की धारणा है कि जायसी की जन्म भूमि गाजीपुर में कहीं हो सकती है किन्तु इसके लिए कोई प्रमाण नहीं मिलता। 

जायसी की 21 रचनाओं के उल्लेख मिलते हैं जिसमें पद्मावत, अखरावट, आखऱिी कलाम, कहरानामा, चित्ररेखा आदि प्रमुख हैं पर उनकी ख्याति का आधार पद्मावत ग्रंथ ही है। इसकी भाषा अवधी है और इसकी रचना शैली पर आदिकाल के जैन कवियों की दोहा चौपाई पद्धति का प्रभाव पड़ा है।  पद्मावत का रचनाकाल उन्होंने 147 हिजरी ( सन नौ से सैंतालीस अहै - पद्मावत 24)। अर्थात 1540 ई  बतलाया है।  पद्मावत के अंतिम अंश (653) के आधार पर यह भी कहा जा सकता है कि उसे लिखते समय तक वे वृद्ध हो चुके थे,  उनका शरीर क्षीण हो गया था, उनकी दृष्टि मन्द पड़ गयी थी, उनके दांत जाते रहे थे और उनके कानों में सुनने की शक्ति नहीं रह गयी थी, सिर झुक गया था, केश श्वेत हो चले थे तथा विचार करने तक की शक्ति क्षीण हो चली थी किन्तु इसका कोई संकेत नहीं है कि इस समय वे कितने वर्ष की अवस्था तक पहुंच चुके थे।  
 


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