सामान्य ज्ञान
ग्वांतानामो जेल इस समय फिर से चर्चा में है। लगभग 12 साल से दुनिया की सबसे बदनाम जेल को लेकर कई विवाद हुए हैं।
अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिक सार्जेंट बो बर्गडाल को रिहा कराने के लिए क्यूबा की सरजमीं पर बनी इसी जेल के पांच तालिबान कैदियों की रिहाई की गई। उन्हें फिलहाल कतर भेजा गया है।
इस जेल को जनवरी 2002 में शुरू किया गया। इसके लिए क्यूबा की जमीन का इस्तेमाल किया गया, जो अमेरिका ने 1930 में लीज पर ली थी। न्यूयॉर्क के 9/11 वाले आतंकवादी घटना के बाद इसे खोला गया। लेकिन जल्द ही यह नफरत की निशानी बन गई, जिसकी पहचान नारंगी पोशाक पहने और बेडिय़ों में जकड़े कैदियों से होने लगी। कैदियों को पहले पिंजरेनुमा बाड़ों में रखा जाता था, जिसे बाद में बंद कर दिया गया।
राष्ट्रपति बनने के बाद बराक ओबामा ने कई बार इस जेल को बंद करने की कोशिश की लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। इस जगह पर कुल 779 कैदियों को रखा गया था, जिनमें से 149 अभी भी वहीं हैं। लगभग 78 कैदियों को बिना किसी चार्ज के रिहा कर दिया गया क्योंकि वे अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा नहीं थे। इनमें 58 यमन के, पांच ट्यूनीशिया के, चार अफगान और चार सीरियाई थे।
ग्वांतानामो बे की जेल में कुछ की बहुत ज्यादा चर्चा होती है। इनमें पाकिस्तान का खालिद शेख मुहम्मद भी है, जिस पर 9/11 की साजिश रचने का आरोप है। उसके चार साथी भी इसी जेल में हैं। इसके अलावा सऊदी अरब का अब्द अल रहीम अल नासिरी भी शामिल है।


