सामान्य ज्ञान
क्या होती है ई-वोटिंग
07-Jun-2022 10:42 AM

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इन्वेस्टर शेयरहोल्डर के तौर पर शेयरहोल्डर मीटिंग के दौरान वोट देकर कंपनी के अहम फैसलों में शामिल हो सकता है, लेकिन मीटिंग में शामिल होना या कंपनी को पोस्टल बैलट भेजना प्रॉक्सी वोटिंग जैसा है और ऐसा करना मुश्किल लग सकता है। शेयरहोल्डर्स अब ई-वोटिंग फैसिलिटी के जरिए डिसिजन मेकिंग प्रॉसेस में शामिल हो सकते हैं। एनएसडीएल और सीडीएसएल यह फैसिलिटी मुहैया करा रही हैं।
रिजॉल्यूशन पास करने के लिए नोटिस भेजे जाने की तारीख को जिन शेयरहोल्डर्स का नाम कंपनी के मेंबर्स के रजिस्टर में होगा, वे ई-वोटिंग के जरिए वोट करने के हकदार होंगे। ई-वोटिंग के लिए जरूरी नहीं है कि शेयरहोल्डर्स की होल्डिंग डीमैट फॉर्मैट में हो। शेयर, फिजिकल या डीमैट, किसी भी फॉर्मैट में हों, उनके होल्डर्स को वोटिंग की इजाजत होगी, हालांकि इस फैसिलिटी को यूज करना जरूरी नहीं है।
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