सामान्य ज्ञान

खितानी भाषा
07-Mar-2022 11:59 AM
खितानी भाषा

खितानी भाषा मध्य एशिया में बोले जाने वाली एक विलुप्त भाषा थी जिसे खितानी लोग बोला करते थे। यह भाषा सन् 388 से सन् 1243 तक खितानी  राज्य व्यवस्था के लिए प्रायोगिक थी। भाषा-परिवार के नज़रिए से इसे मंगोल भाषा-परिवार का सदस्य माना जाता है, हालांकि जब यह बोली जाति थी तब आधुनिक मंगोल भाषा अस्तित्व में नहीं थी। यह भाषा पहले खितानियों के लियाओ राजवंश और फिर कारा-खितान  की राजभाषा रही। किसी ज़माने में कुछ भाषा वैज्ञानिक समझते थे कि इसका मंगोल भाषा होने कि बजाए एक तुन्गुसी भाषा होना अधिक संभव है, लेकिन वर्तमान युग में लगभग सभी विद्वान इस एक मंगोल भाषा मानते हैं। क्योंकि यह भाषा काफ़ी अरसे तक उईग़ुर जैसी तुर्की भाषाओं के संपर्क में रही, इसलिए इनमें शब्दों का आपसी आदान-प्रदान होता रहा।

 चंगेज़ ख़ान द्वारा स्थापित मंगोल साम्राज्य के शुरुआती चरणों में खितानी  और उईग़ुर भाषाओं का उस साम्राज्य पर गहरा असर पड़ा।   उस समय के कुछ खितानी  शब्द आधुनिक हिंदी तक में पहुंच गए हैं, जैसे कि दरोग़ा। खितानी भाषा लिखने के लिए दो बिलकुल अलग लिपियों का प्रयोग किया जाता था, हालांकि दोनों ही चीनी लिपि पर आधारित थी। एक को बड़ी खितानी  लिपि कहा जाता था और दूसरी को छोटी खितानी लिपि।


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