सामान्य ज्ञान

भारतीय जलमार्ग
28-Jan-2022 10:28 AM
भारतीय जलमार्ग

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण नौपरिवहन और नौकायन के लिए देश में राष्ट्रीय जलमार्ग के नियमन और विकास के लिए जिम्मेदार है। अब तक निम्नलिखित पांच जलमार्गों को राष्ट्रीय जल मार्ग घोषित किया गया है।

(1) गंगा-भागीरथी-हुगली नदी ( इलाहाबाद-हल्दिया-1620 किलो मीटर), 1986 में राष्ट्रीय जलमार्ग-1 घोषित

(2) ब्रह्मपुत्र नदी (ढुबरी-सादिया-891 किलो मीटर), 1988 में राष्ट्रीय जलमार्ग-2 घोषित।

 (3) उद्योगमंडल और चंपकारा नहर के साथ पश्चिमी समुद्रतट नहर (कोट़़टापुरम-कोल्लम) -205 किलो मीटर, 1993 में राष्ट्रीय जलमार्ग-3 घोषित।

 (4) गोदावरी और कृष्णा नदी से लगा काकीनदा-पुडुचेरी नहर (1078 किलो मीटर), 2008 में राष्ट्रीय जलमार्ग-4 घोषित।

 (5) ब्रह्मणी नदी और महानदी पर डेल्टा से जुड़ा पूर्वी तटीय नहर(588 किलो मीटर), 2008 में राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित।

 भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने पहले तीन राष्ट्रीय जलमार्गों पर टर्मिनल और नौपरिवहन में मददगार मूलभूत सुविधाओं सहित आवश्यक चौड़ाई और गहराई वाले नौकायन योग्य चैनल उपलब्ध कराने का काम शुरू कर चुका है। आर्थिक मामलों के विभाग की पायलट परियोजना के तहत एशियाई विकास बैंक की मदद से राष्ट्रीय राजगार्ग-4 और 5 को विकसित करने का काम सरकारी निजी भागीदारी व्यवस्था के तहत किया जा रहा है।

राष्ट्रीय जलमार्ग-4 के अंतर्गत काकीनाडा से पुद्दुचेरी के बीच गोदावरी और कृष्णा नदियों से जुड़ी नहर प्रणाली के जरिए कुल 1 हजार 78 किमी. जल परिवहन की व्यवस्था प्रस्तावित है। जलमार्ग-4 आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी से होकर गुजरेगा। दक्षिणी बकिंघम नहर के जरिए शोलिंगानल्लूर से कलपक्कम तक 37 किमी. लंबे हिस्से में यह जल परिवहन मार्ग विस्तृत होगा।


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