सामान्य ज्ञान

चौधरी चरण सिंह
24-Dec-2021 11:07 AM
चौधरी चरण सिंह

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह  का जन्म 23 दिसम्बर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जि़ले में हुआ था। वर्ष 1929 में पूर्ण स्वराज्य उद्घोष से प्रभावित होकर युवा चरण सिंह ने गाजियाबाद में कांग्रेस कमेटी का गठन किया। वर्ष 1930 में महात्मा गांधी द्वारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन के तहत नमक कानून तोडने का आह्वान किया गया। चरण सिंह ने गाजियाबाद की सीमा पर बहने वाली हिण्डन नदी पर नमक बनाया। जिसके कारण  अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उन्हें  6 माह की सजा हुई। वर्ष 1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में भी चरण सिंह गिरफतार हुए फिर अक्टूबर1941 में मुक्त किये गये।

उनकी स्मृति में हर साल उनके जन्मदिन 23 दिसंबर को  किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है।  चौधरी चरण सिंह की मेहनत के कारण ही ‘‘जमींदारी उन्मूलन विधेयक वर्ष 1952 में पारित हो सका।

 चौधरी चरण सिंह स्वतंत्र भारत के प्रधानमंत्री के रूप में 28 जुलाई 1979 को पद पर आसीन हुए। लेकिन संसद का एक बार भी सामना किए बिना चौधरी चरण सिंह ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।  एक जुलाई 1952 को यूपी में उनके बदौलत जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ और गरीबों को अधिकार मिला। उन्होंने देश में लेखापाल के पद का सृजन भी किया।

 उन्होंने किसानों के हित में उन्होंने 1954 में उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित कराया।  चौधरी चरण सिंह 3 अप्रैल 1967 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 17 अप्रैल 1968 को उन्होंने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।  मध्यावधि चुनाव में उन्होंने अच्छी सफलता मिली और दूसरी बार 17 फरवरी 1970 को उ.प्र. के मुख्यमंत्री बने। चौधरी चरण सिंह केन्द्र सरकार में गृहमंत्री बने तो उन्होंने मंडल और अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की।  वर्ष 1979 में भारत के वित्तमंत्री और उपप्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना की।  28 जुलाई 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टियों तथा कांग्रेस (यू) के सहयोग से प्रधानमंत्री बने।


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