सामान्य ज्ञान
भारत के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (एमओईएफ) के तहत एक सांविधिक संगठन है। इसका गठन पानी (रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत 1974 में किया गया था।
यह देश में प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में एक शीर्ष संगठन है और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की तकनीकी शाखा के रूप में काम करता है।
सीपीसीबी हाल ही में पानी में जैव रासायनिक ऑक्सीजन की मांग के स्तर के आधार पर 293 नदियों में फैले प्रदूषित क्षेत्रों की पहचान की है। अधिकतम की सूची में देश में महाराष्ट्र और गुजरात शीर्ष पर हैं। सीपीसीबी के अनुसार दूषणकारी तत्व जैसे दैनिक उपयोग के बर्तन, जलीय वातावरण प्रभावित कर रहे थे।
सीपीसीबी की आकड़ों में देश भर के विभिन्न नदियों में सीवेज की निकासी खुले जल में करने से नदियां प्रदूषित थीं। इनमें जम्मू एवं कश्मीर और चार केंद्र शासित प्रदेशों और अरुणाचल प्रदेश तथा मिजोरम समेत पूर्वोत्तर राज्यों को छोडक़र देश के लगभग सभी भागों में स्थित हैं। सीपीसीबी ने पहली बार 1995 और 2008 के बीच पानी के नमूनों को लेकर परीक्षण के बाद दिसंबर 2009 में प्रदूषित नदी के हिस्सों पर अपनी रिपोर्ट को संकलित किया था। इन हिस्सों में तब से राज्य और संघ शासित राज्यों द्वारा 1429 जल गुणवत्ता स्टेशनों के एक नेटवर्क के माध्यम से लगातार नजर रखी जा रही है।


