सामान्य ज्ञान

अंधायुग
13-Dec-2021 11:01 AM
अंधायुग

अंधायुग, जाने-माने साहित्यकार धर्मवीर भारती द्वारा रचित यह एक गीतिनाटिका है। इसमें मिथकीय आख्यान का पुन:सृजन किया गया है। कथा का आधार महाभारत है। कथा का संबंध अ_ारह दिनों तक चले महाभारत युद्ध के अ_ारहवें दिन की घटनाओं से है।

महाभारत जो कि एक प्राचीन महाकाव्य है, उसके चरित्रों और घटनाओं को आधुनिक संदर्भ में पुन:सृजित किया गया है। कथाकार की प्रेरणा और परिप्रेक्ष्य आधुनिक है , भले ही कथानक प्राचीन हो। इसमें समकालीन राजनीतिक संदर्भ भी है। अंधायुग में तुलना की गई है महाभारत युग से। महाभारत में 18 दिनों के युद्ध हुआ था। यह घटनाक्रम 18वें दिन का है। कथानक अंतिम रात्रि का है। दुर्योधन की हत्या हो चुकी है। उसके बाद का जो युग है, वह अंधा युग है। द्रोह, पराजय, बदला, हतोत्साह, निराशा प्रजा में व्याप्त है। शासक वर्ग में हतोत्साह की भावना है। इस युद्ध में दोनों पक्षों ने नियमों का उल्लंघन किया। ग़लत निर्णय लिये गए। ग़लत कार्य किया गया। दूसरे विश्वयुद्ध का ध्वंस और तीसरे विश्वयुद्ध की संभावना का त्रास, दोनों मिलकर जिस मानसिकता का निर्माण करते हैं, ‘अंधायुग’ के शुरु के अंशों में उसी की अभिव्यक्ति है।


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