सामान्य ज्ञान
केन्द्रीय सूचना आयोग का गठन वर्ष 2005 में किया गया था। भारत सरकार ने अपने नागरिकों के जीवन को सहज, सुचारु रखने और देश को पूरी तरह लोकतांत्रिक बनाने एवं सरकारी पारदर्शिता के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 स्थापित किया था।
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में नागरिकों के अनुरोध पर समय से सरकारी सूचना का उत्तर देने का अधिदेश दिया गया है। यह प्रथम अपीलीय प्राधिकारियों, लोक सूचना अधिकारियों आदि द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरणों के संबंध में शीघ्र जानकारी प्राप्त करने के लिए नागरिकों को आर.टी.आई. पोर्टल प्रदान करने तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के अतंर्गत आने वाले विभिन्न लोक प्राधिकारियों द्वारा वेब पर प्रकाशित सूचना के अधिकार से जुड़ी जानकारी /प्रकटन के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय द्वारा की गई एक पहल है।
राइट टू इन्फॉरमेशन (आरटीआई) का अर्थ है- सूचना का अधिकार और इसे संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत एक मूलभूत अधिकार का दर्जा दिया गया है। आरटीआई के तहत हर नागरिक को यह जानने का अधिकार है कि सरकार कैसे कार्य करती है।
इस समय मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर दीपक संधू विराजमान हैं। हाल ही में केंद्रीय सूचना आयोग में मंजूला पाराशर, यशोवर्धन आजाद, शरत सभरवाल, एमए खान यूसुफी और मदभूषणम श्रीधर आचार्युलू को सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया है। केंद्रीय सूचना आयोग में इन पांच सूचना आयुक्तों के साथ कुल सूचना आयुक्तों की संख्या मुख्य सूचना आयुक्त सहित दस हो गई है। इनकी सेवा अवधि पांच साल या इनकी उम्र 65 वर्ष होने तक (इनमें से जो पहले हो) है।


