सामान्य ज्ञान

कपार्ट
02-Jun-2021 1:04 PM
कपार्ट

भारत के ग्रामीण विकास में स्वयंसेवी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है जो समुदाय और व्यक्तियों के बीच बदलाव की पहल और विशिष्ट मुद्दों के प्रत्यक्ष कार्यान्वयन के जरिए कार्य करता है। कपार्ट (लोक कार्यक्रम और ग्रामीण प्रौद्योगिकी विकास परिषद) ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देशों के अंतर्गत कार्य करता है। आज यह संस्था भारत में ग्रामीण विकास को फैलाने में बड़ा योगदान करती है। पूरे देश में 12 हजार स्वयंसेवी संगठनों द्वारा बड़े पैमाने पर विकास कार्यक्रमों को आरंभ किया गया है।
कपार्ट की स्थापना दो एजेंसियों को मिला कर हुई हैं -काउंसिल ऑफ एडवांसमेंट फॉर रूरल टेक्नोलॉजी (सीएआरटी) तथा पीपल्स एक्शन फॉर डेवलपमेंट (पीएआईडी) । कपार्ट 1980 के संस्था पंजीकरण अधिनियम के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था मानी गई।
कपार्ट की सप्तम योजना के प्रस्तुतीकरण में स्वयंसेवी क्षेत्र की संस्थाओं को 1986 में औपचारिक पहचान मिली जब ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में सहायक सरकारी तथा स्वयंसेवी क्षेत्र के संगठनों के बीच सहायक समितियों के वर्गीकरण तथा सामंजस्य के लिए सहयोग किया गया।
कपार्ट ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यप्रणाली के सुधार का उद्देश्य लेकर कार्यरत है, विशेष रूप समाज के दलित तथा सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए  । इसलिए  गरीबी रेखा के स्तर से नीचे वाले लोगों, अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लोगों, बंधुआ मज़दूरों, अपंगों, बच्चों तथा स्त्रियों को प्रमुखता देना कपार्ट का प्रमुख उद्देश्य है।

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी 
केंद्र सरकार राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की स्थापना करने जा रही है। इस एजेंसी की स्थापना का मूलाधार यह है कि विभिन्न शाखाओं में प्रवेश के लिए एक समान प्रवेश परीक्षा प्रतिपादित कर समग्र तरीके से परीक्षा की बहुतायत से छात्रों पर पडऩे वाले दबाव को कम करने का उपाय किए जाएं। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की स्थापना का निर्णय सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड फॉर एजुकेशन की 2 अप्रैल 2013 को हुई बैठक में लिया गया था।
केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने आईआईटी के पूर्व निदेशक प्रोफेसर संजय धांडे की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय कार्य बल गठित करने का निर्णय 31 मई 2013 को किया। इसमें सीबीएसई, यूजीसी, एनसीईआरटी, एआरइसीटीई और मंत्रालय से प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे।  इस कार्य बल द्वारा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की संकल्पना  को आगे बढ़ाने के लिए अंतिम रूपरेखा तैयार की जानी है।
 


अन्य पोस्ट