सामान्य ज्ञान
राजसमंद झील कंकरोली तथा राजसमंद शहरों के बीच स्थित है। इस झील का निर्माण गोमती, केलवा तथा ताली नदियों पर बांध बनाकर किया गया है। राजस्थान के मेवाड़ अंचल में सोलहवीं शताब्दी में तत्कालीन महाराणा राजसिंह ने भीषण अकाल, पेयजल की आपूर्ति, नगर के सौन्दर्यकरण एवं रोजगार को ध्यान में रखकर राजसमन्द झील का निर्माण कराया था। चार मील लम्बी, डेढ़ मील चौड़ी एवं 45 फुट गहरी तथा पौने चार हजार एमसीएफटी जल भराव क्षमता वाली यह झील बाद में स्थानीय लोगों की जीवन रेखा बन गई। वर्ष 2000 में ऐतिहासिक राजसमंद झील अपने निर्माण के 324 साल बाद पूरी सूख गई। मार्बल खनन एवं प्रसंस्करण से निकलने वाली स्लरी ने पारिस्थितिकी तंत्र को बुरी तरह से प्रभावित किया। जमीन बंजर होने से पशुपालकों के लिए चारे तक का संकट पैदा हो गया।
इस स्थिति में कुछ बुद्धिजीवियों ने झील की सफाई एवं गोमती नदी के जल प्रवाह में अवरोध हटाने का बीड़ा उठाया, जो अभियान बनकर सामने आया और सामूहिक प्रयास से झील में फिर से पानी आया तथा गोमती नदी में भी जल बहने लगा। राजसमंद झील जो पूरी तरह सूख चुकी थी, उसमें में भी वर्ष 2006 में 19 फुट पानी आया । इससे क्षेत्र के 70 से 80 गांव खेती से जुड़ गए।


