सामान्य ज्ञान
पद्मावत एक प्रेमगाथा है, जो आध्यात्मिक स्वरूप में है। मलिक मुहम्मद जायसी के महाकाव्य पद्मावत की कथा प्रेममार्गी सूफ़ी कवियों की भांति काल्पनिक न होकर रत्नसेन और पद्मावती (पद्मिनी) की प्रसिद्ध ऐतिहासिक कथा पर आधारित है। इस प्रेमगाथा में सिंहलद्वीप की राजकुमारी पद्मावती और चित्तौड़ के राजा रत्नसेन के प्रणय का वर्णन है।
नागमती के विरह-वर्णन में तो जायसी ने अपनी संवेदना गहन रूप से वर्णित की है। कथा का द्वितीय भाग ऐतिहासिक है, जिसमें चित्तौड़ पर अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण और पद्मावती के जौहर का सजीव वर्णन है। पद्मावत मसनवी शैली में रचित एक प्रबंध काव्य है। इस महाकाव्य में कुल 57 खंड हैं। इस महाकाव्य में पद्मावती एवं रत्नसेन की लौकिक प्रेम कहानी के द्वारा अलौकिक प्रेम की व्यंजना की गई है। इस काव्य का प्रारम्भ काल्पनिक कथा से है और अंत इतिहास पर आधारित है। जायसी ने इतिहास और कल्पना, दोनों का मिश्रण किया है। जायसी ही लिखते हैं कि उन्होंने पद्मावत की रचना 927 हिजरी में प्रारंभ की।
कवि सिंहलद्वीप, उसके राजा गन्धर्वसेन, राजसभा, नगर, बग़ीचे इत्यादि का वर्णन करके पद्मावती के जन्म का उल्लेख करता है। जायसी ने इस महाकाव्य की रचना दोहा-चौपाइयों में की है। जायसी संस्कृत, अरबी एवं फारसी के ज्ञाता थे, फिर भी उन्होंने अपने ग्रंथ की रचना ठेठ अवधी भाषा में की। इसी भाषा एवं शैली का प्रयोग बाद में गोस्वामी तुलसीदासजी ने अपने ग्रंथरत्न रामचरित मानस में किया। पद्मावत की भाषा अवधी है। चौपाई नामक छंद का प्रयोग इसमे मिलता है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, उत्तरप्रदेश के फुरसतगंज में स्थित है। इस कंपनी की स्थापना नागर विमानन मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में की गई थी। इसकी स्थापना व्यवसायी पायलटों को उड़ान और जमीन प्रशिक्षण में उच्च मानदंड की प्राप्ति में मदद के लिए की गई थी। यह संस्था उड़ान और जमीनी प्रशिक्षण देने के लिए आधुनिक और उन्नत ट्रेनर जहाज, उड़ान प्रेरक, कम्प्यूटर-आधारित प्रशिक्षण प्रणाली (सीबीटी) से परिपूर्ण है। इसकी अपनी विमानन यातायात नियंत्रण व हवाई पट्टी और कारगर उड़ान तथा जमीनी प्रशिक्षण के लिए अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
व्यावसायिक पायलट लाइसेंस पाठ्यक्रम नियमित रूप से चलाया जाता है, जिसमें बहु इंजन विमानों को शामिल करने के साथ ही यंत्रों की श्रेणी निर्धारित होती है। अकादमी में छात्रों के लिए सी एस जे एम विश्वविद्यालय , कानपुर में बी. एस-सी (विमानन) में डिग्री प्राप्त करने का अवसर उपलब्ध है।


