सामान्य ज्ञान

सिलवासा
25-May-2021 1:00 PM
सिलवासा

दादरा व नागर हवेली एक केंद्रशासित प्रदेश हैं और  सिलवासा वहां की ही राजधानी है। यहां के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का चालीस फीसदी आरक्षित वनक्षेत्र है। ये जंगल जबरदस्त जैवविविधता से भरपूर हैं और कई किस्म के पक्षियों और जानवरों का बसेरा हैं।  सिलवासा को वार्ली संस्कृति का घर भी माना जाता है। वार्ली भाषा दरअसल मराठी व गुजराती भाषाओं का एक मिश्रण है जो स्थानीय शैली में बोली जाती है। 
एक समय में सिलवासा कई सदियों तक गोवा, दमन व दीव के साथ मिलकर पुर्तगालियों का उपनिवेश था। इसीलिए यहां भारतीय-पुर्तगाली संस्कृति की एक खास छाप दिखाई देती है। इसी वजह से यहां बड़ी संख्या में रोमन कैथोलिक ईसाई भी हैं। द्वादश ज्योतिर्लिगों में से एक त्रयंबकेश्वर यहां से 90 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा राम के वनवास से जुड़े कुछ स्थानों को 140 किलोमीटर दूर नासिक में देखा जा सकता है।  सिलवासा से पांच किलोमीटर दूर दादरा पार्क और 35 किलोमीटर दूर दुधनी झील है।
 दादरा पार्क दरअसल वनगंगा कहलाता है। साढ़े सात हेक्टेयर से ज्यादा इलाके में फैले इस पार्क में एक द्वीप है जो जापानी शैली के पुलों से जुडा है। पेड़, झरने, नावें, रेस्तरां व जॉगिंग ट्रैक पार्क को इतना खूबसूरत बना देती हैं कि हर साल चार लाख से ज्यादा सैलानी इसे देखने आते हैं। इसकी लोकप्रियता का ही आलम है कि बीसियों फिल्मी गाने यहां शूट किए जा चुके हैं। दुधनी झील में कई तरह के वाटर स्पोट्र्स का इंतजाम है।  
 


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