सामान्य ज्ञान

गोपुर
25-May-2021 1:00 PM
गोपुर

गोपुरम या गोपुर (जिसे विमानम भी कहते हैं) एक स्मारकीय अट्टालिका होती है, प्राय: शिल्प से सज्जित, एवं अधिकतर दक्षिण भारत के मन्दिरों के द्वार पर स्थित होता है। यह हिन्दु मन्दिरों के स्थापत्य का प्रमुख अंग है।[ यह ऊपर किरीट कलश से शोभायमान होता है। यह मंदिरों की चारदीवारी में बने द्वार का काम देते हैं। 
गोपुरमों का इतिहास आरम्भिक पल्लव वंश के निर्माणों एवं बारहवीं शताब्दी के पांड्य शासकओं द्वारा बनवाए गए प्रधान अंगों में जाता है। इनसे मंंिदर के अंदरूनी भाग ढंक जाते हैं, क्योंकि ये प्राय: मुख्य मन्दिर से काफ़ी बड़े होते हैं।  
गोपुरम अधिकतर आयताकार होते हैं, जिनके भूमि तल पर विराट काष्ठ द्वार होते हैं, जो अंदर का मार्ग प्रशस्त करते हैं, एवं खूब अलंकृत होते हैं। ऊपर का गोपुरम कई तलों में बंटा होता है, एवं ऊपर जाते-जाते तंग होता जाता है। इसके सबसे ऊपर प्राय: ढोलक आकार का शिखर होता है, एवं उसके ऊपर विषम संख्या में कलश शोभा पाते हैं। गोपुरमों को शिल्प एवं चित्रकारी से अत्यधिक सजाया जाता है, जो  हिन्दु पौराणिक चरित्र ही होते हैं। खासकर इसमें उन्हें मुख्य रूप से जगह दी जाती है,  जो कि मंदिर के प्रधान देवता से सम्बन्धित होते हैं।
 


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