सामान्य ज्ञान
असिक्नी नदी
23-May-2021 12:42 PM
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चिनाब नदी को ही प्राचीन काल में अस्किनी नदी के नाम से जाना जाता था। यह जम्मू कश्मीर से होती हुई पंजाब राज्य में बहने वाली नदी है। इस नदी को वैदिक साहित्य में असिक्नी नाम से सम्बोधित किया गया है। ऊपरी हिमालय पर टांडी में चन्द्र और भाग नदियां मिलती हैं, जो चिनाब नदी कहलाती हैं।
महाभारत काल में इस नदी का नाम चंद्रभागा भी प्रचलित हो गया था- शतद्रूं चंद्रभागा च यमुना च महानदीम्, दृषद्ववतीं विपाशां च विपापां स्थूलवालुकाम।
श्रीमदभागवत में चन्द्रभागा और असिक्नी दोनों का नाम एक ही स्थान में है- शतद्रूश्चंद्रभागा मरूदवृधा िवतस्ता-असिक्नी विश्वेति महानद्य:।
यहां चंद्रभागा के ही दूसरे नाम असिक्नी का भी उल्लेख है। ग्रीक लेखकों ने इस नदी को अकेसिनीज लिखा है, जो असिक्नी का ही स्पष्ट रूपांतर है। चंद्रभागा नदी मानसरोवर (तिब्बत) के निकट चंद्रभाग नामक पर्वत से निस्सृत होती है और सिंधु नदी में गिर जाती है। श्रीमदभागवत में शायद इसी नदी की ऊपरी धारा को चंद्रभागा कहकर, पुन: शेष नदी का प्राचीन वैदिक नाम असिक्नी कहा गया है। यह भी संभव है कि प्रस्तुत उल्लेख में चंद्रभागा से दक्षिण भारत की भीमा का अभिप्राय हो, किंतु यहां दिए गए अन्य नामों के कारण यह संभावना कम जान पड़ती है।
विष्णु पुराण में भी चंद्रभागा का उल्लेख निम्न प्रकार से है- शतद्रू चंद्रभागाद्या: हिमवत् पादनिर्गता:। इस नदी को हिमाचल से उद्भुत माना गया है। विष्णु पुराण से ज्ञात होता है कि चंद्रभागा नदी का तटवर्ती प्रदेश पूर्व गुप्त काल में म्लेच्छों तथा यवन-शक आदि द्वारा शासित था।
विद्युत की गति क्या होती है?
आमतौर पर ये माना जाता है कि विद्युत की गति प्रकाश की गति की एक तिहाई होती है। प्रकाश की गति 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकेंड मानी जाती है। इस हिसाब से विद्युत की गति 1 लाख किलोमीटर प्रति सेकेंड हुई। लेकिन इस गति को प्रभावित करने वाले कई कारक होते हैं, क्योंकि विद्युत शून्य में यात्रा नहीं करता।
विद्युत इलेक्ट्रॉन्स का प्रवाह है और इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान होता है। इसलिए जब विद्युत शीशे, पानी या हवा से होकर गुजऱता है तो उसकी गति प्रभावित होती है। ये इस बात पर निर्भर करता है कि विद्युत जिस माध्यम से होकर गुजऱ रहा है उसके अणु किस तरह से जुड़े हुए हैं।
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