सामान्य ज्ञान
पालीताना गुजरात के भावनगर जि़ला स्थित एक प्रमुख शहर तथा जैन धर्म का तीर्थ स्थान है। यह भावनगर शहर से 50 किमी. दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। पालीताना शत्रुंजय नदी के तट पर शत्रुंजय पर्वत की तलहटी में स्थित है। यहां 900 से भी अधिक जैन मन्दिर हैं। पालिताना जैन मंदिर जैन धर्म के 24 तीर्थंकर भगवानों को समर्पित हैं। पालिताना के इन जैन मंदिरों को टक्स भी कहा जाता है। 11वीं एवं 12वीं सदी में बने इन मंदिरों के बारे में मान्यता है कि ये मंदिर जैन तीर्थंकरों को अर्पित किए गए हैं। कुमारपाल, मिलशाह, समप्रति राज मंदिर यहां के प्रमुख मंदिर हैं। पालीताना में बहुमूल्य प्रतिमाओं आदि का भी अच्छा संग्रह है।
पालीताना शत्रुंजय तीर्थ का जैन धर्म में बहुत महत्व है। 5 प्रमुख तीर्थों में से एक शत्रुंजय तीर्थ की यात्रा करना प्रत्येक जैन अपना कर्तव्य मानता है। मंदिर के ऊपर शिखर पर सूर्यास्त के बाद केवल देव साम्राज्य ही रहता है। पालीताना का प्रमुख व सबसे ख़ूबसूरत मंदिर जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का है। आदिश्वर देव के इस मंदिर में भगवान की आंगी दर्शनीय है। दैनिक पूजा के दौरान भगवान का शृंगार देखने योग्य होता है। 1618 ई. में बना चौमुखा मंदिर क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर है।
बन्ध बरेठा अभयारण्य
बन्ध बरेठा अभयारण्य राजस्थान में स्थित है। यह अभयारण्य केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान , भरतपुर से 50 किलोमीटर की दूरी पर है।
काफ़ी समय पहले अरावली पर्वतमालाओं में बहती हुई नदियों को रोककर बरेठा स्थान पर एक बांध बनाया गया था। इस अभयारण्य का क्षेत्रफल 193 वर्ग किलोमीटर है तथा अनेक प्रजातियों के वन्य जीव व पक्षी इसमें सुरक्षित है।


