दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 28 अगस्त। बीएसएनएल कर्मचारियों ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण के खिलाफ भोजनावकाश में धरना प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी साथियों को संबोधित करते हुए आर एस भट्ट सर्किल सेक्रेटरी बीएसएनएलईयू ने कहा कि मोदी सरकार ने भारतीय और विदेशी कॉरपोरेट्स को सत्ता संभालने की अनुमति देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है
हमारे देश की राष्ट्रीय संपत्ति को राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के नाम पर, सरकार ने कॉरपोरेट्स को को औने-पौने दाम पर सौंपने का फैसला किया है। सरकार का तर्क है कि, इन संपत्तियों का स्वामित्व सरकार के पास बना रहेगा। अपने आप में, एक चासनी मिश्रित जहर के अलावा और कुछ नहीं है।
सरकार की घोषणा के अनुसार 26,700 किलोमीटर हाईवे (1.6 लाख करोड़ रुपये की कीमत), 400 रेलवे स्टेशन और 150 ट्रेनें (1.5 लाख करोड़ रुपये की कीमत), 42,300 सर्किट कि.मी. विद्युत पारेषण लाइनें (0.67 लाख करोड़ रुपये मूल्य), 5,000 मेगावाट हाइड्रो, सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन संपत्ति (0.32 लाख रुपये की कीमत) करोड़), 8,000 किलोमीटर राष्ट्रीय गैस पाइप लाइनें (0.24 लाख करोड़ रुपये मूल्य), आईओसी की 4,000 किलोमीटर पाइप लाइनें और एचपीसीएल (0.22 लाख करोड़ रुपये), भारतनेट ऑप्टिक फाइबर के 2.86 लाख किलोमीटर और बीएसएनएल के 14,917 टावर और एमटीएनएल (0.35 लाख करोड़ रुपये), 21 हवाई अड्डे और 31 बंदरगाह (0.3 लाख करोड़ रुपये), 160 कोयला खनन परियोजनाओं (0.3 लाख करोड़ रुपये) और 2 स्पोर्ट्स स्टेडियम (0.11 लाख करोड़ रुपये की कीमत) को बेचा जा रहा है।
2लाख 86 हजार कि. मी.भारतनेट ऑप्टिक फाइबर के साथ-साथ बीएसएनएल और एमटीएनएल के 14,917 मोबाइल टावर जिसे जनता के पैसे से खड़ा किया गया है । कॉरपोरेट्स को सौंपने की योजना है । बीएसएनएल द्वारा 4जी सेवा शुरू करने में पिछले एक साल आठ महीने से रुकावटें पैदा कर रहा है। केवल इसलिए कि, सरकार ने बीएसएनएल के मोबाइल टावरों को बेचने का मन बना लिया था। भट्ट ने कहा कि सरकार का अगला लक्ष्य बीएसएनएल का 7 लाख रूट किलोमीटर ऑप्टिक फाइबर होगा। कर्मचारी संघ देश की संपत्ति को कॉरपोरेट्स को सौंपने का कड़ा विरोध करता है। प्रदर्शन मे मिथिलेश सिंह ठाकुर, अरुण दुबे, डी के सिंह, चंद्रिका उन्नीकृष्णन, रामेश्वरी, अमिता, दीपा, पी के वर्मा,महेश आदि शामिल हुए हैं ।