‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा, 19 नवंबर। नगर में डेंगू के दो मरीजे मिले हैं।डेंगू कार्ड में टेस्ट से दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जिसमें से एक मरीज में डेंगू के खतरनाक स्वरूप एआरडीएस डेंगू हेमरेजिक व शॉक सिंड्रोम के लक्षण दिखाई दिए है। उनका नगर के एक निजी हॉस्पिटल में विशेष देखरेख में इलाज किया जा रहा है। डॉ. दिलीप जैन ने एहतियातन लोगों से सतर्क रहने को कहा है।
डॉ दिलीप जैन ने बताया कि अभी दो दिन पहले दो मरीज आये हं,ै जिनका बुखार लगातार था। बुखार नहीं उतर रहा था ,उनकीडेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आई है उनमें से एक को एआरडीएस डेंगू हेमरेजिक व शॉक सिंड्रोम के लक्षण दिखाई दिए है। जिसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई है। स्वास्थ्य अमला मरीज और परिजन का ब्लड सेम्पल लेकर जिला चिकित्सालय लेकर गए है जहां एलाइज़ा टेस्ट में रिपोर्ट आने बाकी है।
एलाइज़ा-डेंगू के लिए की जाने वाली यह सबसे भरोसेमंद जांच है, जिसमें डेंगू का परिणाम शत प्रतिशत तक सही आता है। इसकी जांच पर चिकित्सकों का भरोसा भी ज़्यादा होता है। एलाइज़ा टेस्ट भी दो प्रकार के होते हैं, पहला आईजीएम और दूसरा आईजीजी।
आईजीएम टेस्ट डेंगू के लक्षण आने से 3-5 दिन के अंदर-अंदर करवाना ज़रूरी है। वहीं, दूसरा टेस्ट आईजीजी भी 5 से 10 दिन के अंदर करवाना अनिवार्य है। इसके परिणामों की सटीकता इसके जांच के समय पर आधारित होती है।
मतलब समय रहते जांच करवाने पर डेंगू की पुष्टि प्रमाणिकता ज़्यादा होती है और इलाज भी बेहतर होता है।
डॉ. दिलीप जैन ने बताया कि डेंगू के बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। मच्छर के द्वारा संचारित होने वाला यह बुखार कभी-कभी घातक भी सिद्ध होता है। इसके तीव्र लक्षण कभी-कभी कुछ समय बाद देखे या महसूस किए जाते हैं, हालांकि यदि इनकी समय पर पहचान कर ली जाये तब इससे बचाव या उपचार करने में मदद भी मिल सकती है। अक्सर डेंगू के लक्षण सामान्य फ्लू या वायरल बुखार से मिलते जुलते लगते हैं, इसलिए निम्न लक्षणों के आधार पर इनकी पहचान कर ली जानी चाहिए और सही पहचान के लिए तुरंत एक ब्लड टेस्ट करवा लेना चाहिए ।
सामान्य रूप से देखे जाने वाले डेंगू के लक्षण,मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द,
शरीर पर पडऩे वाले लाल निशान जो थोड़े समय बाद ठीक होने के बाद पुन: वापस भी आ जाते हैं ,तेज़ बुखार ,बहुत तेज़ सिर दर्द ,आँखों के पीछे दर्द ,उल्टी आना और चक्कर महसूस होना ।
यदि इनमें से कोई भी लक्षण महसूस करते हैं तब तुरंत सलाह के लिए डॉक्टर के पास जाएँ और आवश्यक इलाज शुरू करवा दें। केवल एक अच्छा डॉक्टर ही डेंगू से बचाव के हेल्दी उपाय के बारे में आपको बता सकता है। और इस बीमारी से बचाव करते हुए एक हेल्दी लाइफस्टाल को जिया जा सकता है।
डेंगू से बचाव के उपाय
अपने रहने की जगह और उसके आस पास के इलाकों में सम्पूर्ण स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। अपने आसपास की जगहों को साफ करके रखने से आप मच्छरों को सरलता से दूर रख सकते हैं।
पानी को किसी जगह इकठ्ठा न होने दें
किसी जगह पर रुके हुए पानी में मच्छर पनप सकते हैं और इसी से डेंगू भी फैल सकता है। जिन बर्तनों का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं होना हो उनमें रखे हुए पानी को नियमित रूप से बदलते रहें । गमलों के पानी को हर हफ्ते बदलते रहें। मेनहोल, सेप्टिक टैंक, रुकी हुई नालियाँ और कुएं आदि जगहों को नियमित रूप से चेक करते रहें।
डेंगू का वाहक एडीज प्रजाति के मच्छर का लार्वा ठहरे हुए साफ पानी में ही पनपता है। डेंगू मच्छर दिन में काटते है रात में नही।
मच्छर मारने वाली मशीन और जाली का उपयोग ,मच्छरों से बचाव के लिए सबसे पहले तो जब भी आप घर से बाहर जाएँ मच्छर से बचाव वाली क्रीम का उपयोग करें और सोने से पहले मच्छरदानी को अच्छी तरह से सेट कर लें।
प्रारम्भिक लक्षणों को अनदेखा न करे। किसी भी लक्षण को देखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और बताए गए उपचार का निर्देशानुसार पालन करें।