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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 19 जुलाई। ग्रामीणों ने पूरे गांव की निस्तार की सडक़ निर्माण की मांग पंचायत प्रतिनिधियों, सचिव से लेकर कलेक्टर और जनप्रतिनिधियों से की, परन्तु उनकी मांग पर किसी भी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद ग्रामीणों ने एकजुटता दिखाते हुए पहले चंदा किया और खुद श्रमदान कर सडक़ का निर्माण कर डाला। मनसुख गांव कोरिया जिलामुख्यालय से महज 8 किमी दूर स्थित है। हलांकि अभी सडक़ का कुछ काम बाकि है जिसके लिए ग्रामीण प्रतिदिन फावड़ा लेकर सडक़ बनाने में जुट जाया करते हंै।
जानकारी के अनुसार कोरिया जिले के बैकुंठपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत मनसुख मेंं मुख्य मार्ग से खालपारा होकर घुघरा पहुंच मार्ग कई वर्षों पूर्व मिट्टी सडक़ का निर्माण किया गया था, बाद मेंं यह सडक़ पूरी तरह जर्जर हो गई, सडक़ के दोनों ओर नाली नहीं होने के कारण बारिश का पानी सडक़ के बीचोंबीच से जाता था, जिससे सडक़ में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए थे, दरअसल, यह सडक़ नीचे धनुहर नाले से जाकर मिलती है, और पूरे गांव का निस्तार इसी सडक़ से होता है, सडक़ से प्राय गांव के हर व्यक्ति को काम पडता है, और सडक़ के खस्ताहाल हो जाने से ग्रामीण बेहद परेशान थे।
सडक़ निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर जनदर्शन से लेकर तमाम जनप्रतिनिधियों को आवेदन सौंपा और सडक़ निर्माण की मांग की, परन्तु उनकी इस मांग पर किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। जिसके बाद उन्होंने स्वयं सडक़ के निर्माण करने का फैसला किया।
3-3 सौ रू का किया चंदा
बारिश शुरू होते ही सडक़ मे बड़े बड़े गढ्ढे हो जाने और आने जाने में हो रही परेशानियों के कारण ग्रामीणों ने प्रशासन से उम्मीद छोड दी, सडक़ निर्माण के लिए सभी ने बैठक की और सडक़ के बगल से नाली निर्माण की सहमति बनी, इसके लिए जेसीबी लाकर नाली निर्माण कराने जाना तय हुआ, परन्तु जेसीबी के लिए पैसा जुटाने के लिए सभी से 3-3 सौ चंदा जुटाया गया, जिसके बाद जेसीबी मशीन को किराए पर लाकर सडक़ किनारे नाली निर्माण करवाया गया, वहीं सडक़ निर्माण के लिए स्वयं ग्रामीणों ने जमकर श्रमदान किया, इस कार्य में गांव की महिला पुरूषों दोनों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया।
प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया-ग्रामीण
आदिवासी बाहु ल्य ग्राम पंचायत मनसुख के ग्रामीणों में उनकी सडक़ पर प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं देने के कारण खासी नाराजगी है, गांव के पूर्व उपसरपंच बीरसाय का कहना है कि उन्होनें हर कही जाकर आवेदन दिया, छोटी सी सडक़ के लिए प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
वहीं ग्रामीण राम का कहना है कि सडक़ हमारे गांव के लिए बेहद जरूरी थी, और इसमें बड़े बड़े गड्ढे हो चुके थे, हर कहीं दरवाजा खटखटाया परन्तु हम लोगों की परेशानी पर किसी का ध्यान नही था, इसलिए गांव ने सामुहिक निर्णय लिया और सडक़ का निर्माण किया।
इसके अलावा सनील, धीरज साय, विजय कुमार का कहना है कि चुनाव के समय नेता मंत्री बडे बड़े दावे करने आते है परन्तु सिर्फ दिखावा रहता है, हमारे छोटी सी जरूरत के लिए कोई काम नहीं आया, दादा पुरखों के समय से यह सडक़ से हमारा निस्तार होता आया है, इसलिए हमने मिलकर सडक़ का निर्माण कर दिया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 18 जुलाई। कोरिया पुलिस ने 67 किलो गांजे के साथ तीन आरोपियों को पकड़ा है। जब्त गांजे की कीमत साढ़े 13 लाख आंकी गई है।
पुलिस के अनुसार मुखबिर से सूचना मिली कि एक सफेद रंग की कार क्रमांक सीजी- 10/एआर / 8126 में अवैध रूप से गांजा रामानुजनगर तरफ से आ रहा है। सूचना पर तत्काल पुलिस टीम बनाकर मुखबिर के बताए स्थान ग्राम कुडेली मोड़ के पास पहुंचे। कुछ समय इंतजार करने के बाद रामानुजनगर तरफ से एक सफेद कार क्रमांक सीजी- 10 / एआर / 8126 आता हुआ दिखा, जिसे घेराबंदी कर पकड़ा गया। वाहन में तीन आरोपी मिले।
पुलिस ने महबूब खान ( 38) हाई स्कूलपारा सरभोका, थाना पटना ,गोलू यादव ( 32) मण्डलपारा, थाना बैकुण्ठपुर, राजलाल उर्फ संतोष दास (25) जूनापारा सरभोका, थाना पटना को गिरफ्तार किया।
आरोपियों के कब्जे से 1 एक सफेद प्लास्टिक बोरी में भूरे रंग के टेप में लपेटा हुआ गांजा पैकेट 19 पैकेट तथा एक काला बैग में 3 पैकेट गांजा 2. एक बैग में 12 पैकेट गांजा 3. एक प्लास्टिक बोरी में 15 पैकेट गांजा जब्त किया गया।
गांजा 67 किलो ग्राम, कीमती लगभग 13,40,000 / रूपये, एवं कार की कीमत 7,00000/- रूपये तथा मोबाइल कीमत करीब 40,000/रुपये, कुल कीमत 20,80,000 / रूपये को जब्त कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 17 जुलाई। बैकुंठपुर शहर में पोस्टर लगाने का काम कर रहे मजदूर की बिजली के लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई। मजदूर की माली हालत बेहद खराब थी, जिसके बाद राजनीति तेज हो गई। मौत की जानकारी पर संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव जिला अस्पताल पहुंचीं।
जानकारी के अनुसार शहर के इंदिरा पार्क के सामने होर्डिंग लगाने का काम ठेकेदार द्वारा किया जा रहा था। इस कार्य में पीताम्बर नाम के मजदूर पोस्टर लगाते समय 33 केवी के पोल पर चढ़ गया, जिसके बाद वो 33 केवी के चपेट में आ गया और ऊपर से नीचे जमीन पर गिर गया, तत्काल उसे जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सूचना मिलते ही संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव जिला अस्पताल पहुंची और मृतक के परिजनों से मिली, जिसके बाद पुलिस ने मृतक के परिजनों और उसके साथ काम करने अन्य मजदूरों का बयान लिया। मामले में पुलिस अब जांच में जुट गई है।
इधर संसदीय सचिव ने मृतक के परिजनों को मुआवजा दिलाने और नगर पालिका में मृतक की पत्नी को काम दिलाने का आश्वासन दिया है।
चंद्रकांत पारगीर
बैकुंठपुर, 26 जून (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। कोरिया जिले का एक ग्राम पंचायत ऐसा है, जहां 3-3 गौठान स्वीकृत हो गए हंै, जिसकी राशि भी निकाल ली गई है। इसमें मनरेगा के तहत 3 बार राशि निकाली गई, अलग कोड बनाकर मामले मेंं बड़ी वित्तीय अनियमितताएं की गई, वहीं गौठन में लगे सूचना पटल पर जो दो यूनिक कोड अंकित है, उसमें एक यूनिक कोड छिपा दिया गया था, पर अलग नाम से बने कोड से यह बात सामने आई कि बसेर के गौठान का 3 बार राशि का आहरण कर लिया गया।
इस संबंध मेें जनपद पंचायत सोनहत के सीईओ एलेक्जेंडर पन्ना का कहना है कि और भी काम हुआ होगा, पर जब हमने बताया कि 15वें वित्त आयोग से भी राशि निकाली गई है और चारागाह का कहीं पता नहीं है, तो उन्होंने कहा कि मैं बसेर गौठान को दिखवाता हूँ।
जानकारी के अनुसार कोरिया जिले के सोनहत विकासखंड में मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत बसेर में गौठान स्वीकृत हुआ। छत्तीसगढ़ जब बसेर स्थित गौठान पहुंचा तो सबसे पहले नगारिक सूचना पटल पर लिखे 2 यूनिक कोड पर नजर पड़ी, गौठान भाग 1 के नाम से 1111382174 जिसकी स्वीकृति राशि 19.62 लाख दिनंाक 25.02.2019 और गोठान भाग 2 के नाम से 1111324564 जिसकी स्वीकृति राशि 17.23 लाख बताई गई। परन्तु मनरेगा की साईट पर देखने पर सिर्फ एक ही कोड बता रहा था, यूनिक कोड 1111382174 ढूंढने से नहीं मिल रहा था। जबकि एक अन्य यूनिक कोड 1111326356 जिसे गौठान भाग 1 के नाम से जारी किया गया, वो सामने आया, जिसमें 19.62 लाख की राशि की स्वीकृति बताई गई और जो सूचना पटल पर अंकित यूनिक कोड 1111382174 गोठान निर्माण कार्य बसेर के नाम से दर्ज है।
तीनों गौठान से भारी भरकम राशि का आहरण किया गया है। नियमानुसार एक बार कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी होने के बाद उससे राशि का आहरण नहीं किया जा सकता है, परन्तु यहां ऐसा नहीं हुआ।
4 साल बाद निकाली राशि
मनेरगा के तहत कार्य पूर्ण होने के बाद (कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र) सीसी लगाई जाती है 1111382174 गोठान निर्माण कार्य बसेर के नाम से दर्ज इस कोड के तहत इसकी स्वीकृति वर्ष 2019 में हुई थी और 25 जुलाई 2020 को मजदूरी के 3,87,030 और मटेरियल के 2,13,348 रू की राशि का आहरण कर लिया गया, नियमानुसार एक बार जिस कार्य को पूर्ण बता दिया गया, दुबारा उसे कैसे पूर्ण दिखाया जा सकता है। वहीं गोठान भाग 1 और गोठान भाग 2 के नाम पर दुबारा उसी कार्य को पूर्ण बताते हुए 4 वर्ष बाद 1 अप्रैल 2023 को राशि निकाल ली गई। दुबारा 19.62 लाख और 17.23 का निर्माण कार्य पूर्ण होना बता कर मजदूरी और मटेरियल का भुगतान कर दिया गया।
मनरेगा के अनुपात में अंतर
मनरेगा के निर्माण कार्यों में मजदूरी का 40 प्रतिशत और मटेरियल का 60 प्रतिशत हिस्सा रखा गया है, परन्तु यहां ऐसा नहीं हुआ, यूनिक कोड 1111326356 में 19 लाख 62 हजार में से मात्र 23288 रू मजदूरी में और 11 लाख 98 हजार 521 रू मटेरियल में खर्च कर दिए गए है। वहीं यूनिक कोड 1111382174 में स्वीकृत 19 लाख 615 हजार में मजदूरी के 3 लाख 8730 रु. और मटैरियल के 2 लाख 13 हजार 348 रू खर्च होना बताया गया, जबकि यूनिक कोड 1111324564 में 3 लाख 2 हजार 834 रू मजदूरी और 9 लाख 8 हजार 195 रू खर्च बताया गया है। जिससे निकाली गई राशि में मनरेगा के अनुपात में बड़ा अंतर देखा जा रहा है।
15वें वित्त आयोग से भी जारी हुई राशि
ग्राम पंचायत बसेर में बने गोठान में चारागाह में नलकूप खनन और बोर से पाईप लाइन विस्तार के लिए 1,18.300 और 68,300रू, आरसीसी पोल और तार फेंसिंग के लिए 1,05,600, गेाठान में सामग्री का भुगतान 99,000, चारागाह में फेंसिग के लिए 71,200 का भुगतान 15वे वित्त आयोग से किया गया। जबकि गौठान मे शेड निर्माण, पानी टंकी का कार्य मनरेगा के तहत करवाया गया। वहीं यहां का चारागाह बने गौठान के आसपास कहीं नजर नहीं आया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 26 जून। दो दिनों से हो रही बारिश से कोरिया जिले के बैकुंठपुर से गुजरने वाली एनएच 43 पर जलजमाव हो गया है, जिससे आने जाने-वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कोरिया जिला मुख्यालय से लगे बैकुंठपुर रोड रेलवे स्टेशन के सामने काफी दूर तक जल जमाव देखा जा रहा है। बारिश का पानी सडक़ और घुटनों तक आ चुका है, जिससे आने जाने वालों को परेशानी हो रही है।
एनएच 43 के एक तरफ रेलवे 30 मकान बना रहा है, जिसके लिए काफी ऊंचाई तक मिट्टी डाली गई है। इसके बाद एनएच 43 गुजरती है, उसके बाद पटरी है। पहली बारिश का पानी एक निजी भूमि से जाता था, परंतु अब उस पानी पर रोक लगा दी है। जिसके कारण रात में घुटनों तक पानी जमा था, सुबह होते होते कुछ पानी कम हुआ है, बावजूद इसके छोटे वाहनों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है। इस जलजमाव से दुर्घटना होने की आशंका भी है।
नम आंखों से दी विदाई
बैकुंठपुर, 25 जून। कोरिया जिले के सोनहत की घुघरा निवासी शांति तिवारी का ब्रेन हेमरेज से गत दिवस निधन हो गया। इससे पहले अपने हौसले के दम उन्होंने कैंसर पर विजय हासिल कर ली थी, किंतु इस बार वो जिंदगी की जंग हार गई।
शांति तिवारी ने बैकुंठपुर गल्र्स हायर सेकेंडरी स्कूल से प्रथम श्रेणी में 11वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थीं। उन्होंने रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर से स्नातक एवं स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की थी। बिलासपुर से उन्होंने शिक्षा स्नातक किया था।
वनांचल इलाकों में शिक्षक की भूमिका में कार्य करते हुए प्रधानपाठक के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं। इस बीच श्रीमती तिवारी लगातार धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में संलग्न रहीं। शांति तिवारी के पिता स्व त्रिपुरारी पांडेय जनपद अध्यक्ष रह चुके हैं।
स्व. शांति तिवारी अपने जीवन काल में कई धार्मिक व सामाजिक आयोजनों में सक्रिय रहीं। वे एक प्रगतिवादी विचारों की महिला होने के कारण नारी उत्थान के प्रयासों में सदैव लगी रहती थीं। हाल में ही उनके नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सेवानिवृत्त महिला कर्मचारियों का सम्मान कार्यक्रम रखा गया था। शांति तिवारी के निधन से कोरिया जिले में शोक व्याप्त है।
नियमों के साथ उच्चाधिकारियों के निर्देशों की भी नहीं है परवाह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर , 25 जून। कोरिया जिले के ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में अधिकारियों द्वारा अपने चहेते ठेकेदार को काम दिलाने न सिर्फ नियमों की अनदेखी की, बल्कि उच्चाधिकारियों के बार बार मिल रहे निर्देशों को दरकिनार कर दिया, टेंडर प्रक्रिया बीते 4 महिने से जारी थी, दस्तावेज पूर्ण नहीं होने के बाद भी चहेते को दो काम दे डाले और जिसके दस्तावेज पूरे थे, उसे एक काम दिया गया। अधूरे दस्तावेज होने के बावजूद टेंडर दर को खोल दिया गया। उच्चाधिकारियों ने दो बार नोटिस जारी कर नियमों का हवाला देकर टेंडर देने के निर्देश दिए, बाद में बिना उच्चाधिकारियों को सूचित किए टेंडर निरस्त कर नया टेंडर जारी कर दिया।
वहीं इस मामले में आरईएस विभाग के कार्यपालन अभियंता के एम चौधरी का कहना है कि टेंडर निरस्त कर दिया गया है, परन्तु जब उनसे नियमों और उच्चाधिकारियों के निर्देशों को दरकिनार कर चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने पर सवाल किया तो उन्होंने नो कमेंट्स कह कर जवाब देने से इंकार कर दिया।
दरअसल, ठेकेदार लल्लू प्रसाद पांडे ने अधीक्षण अभियंता अंबिकापुर में शिकायत दर्ज कराई कि 10 फरवरी को भर्रीडीह, नवाटोला और बसेर में मा शा भवन निर्माण की निविदा निकाली गई। जिसमें दो ठेकेदारों ने भाग लिया। निविदा खोले जाने की प्रक्रिया के दौरान दोनों के लिफाफे खोले गए, दूसरे ठेकेदार के लिफाफे में बैंक सर्टिफिकेट नहीं पाया गया।
श्री पांडे ने आपत्ति दर्ज कराई, एक दिन बाद उसे दो कार्य को श्री पांडे का एक काम देने के लिए बुलाया, जिसका उन्होंने विरोध किया, जब नियमानुसार दस्तावेज नहीं है तो उसे अमान्य किया जाए।
आरईएस विभाग की निविदा कमेटी जिसमें कार्यपालन यंत्री, डीए, एसडीओ और सहायक लेखा अधिकारी शामिल हंै, उन्होंने श्रीं पांडे की बात नहीं सुनी बल्कि कहा कि समझौता कर लो, जिसके बाद उन्होंने अधीक्षण यंत्री के यहां शिकायत की।
अधीक्षण यंत्री ने नोटिस भेजकर कार्यपालन यंत्री से स्पष्टीकरण मांगा, जिस पर उन्होंने माना कि एक ठेकेदार के दस्तावेज कम पाए गए, साल्वेंसी के आधार और अधिकारियों के दबाव के कारण दोनों के दर खोले जाने की बात कबूल की। जबकि दस्तावेज कम होने की स्थिति में
एक को मान्य करना था या उसी समय टेंडर निरस्त कर देना था।
किस आधार पर टेंडर खोला गया
अधीक्षक अभियंता ने कार्यपालन अभियंता आरईएस को नोटिस के उनके जवाब पर स्पष्टीकरण मांगते हुए पूछा कि जब ठेकेदार द्वारा बैंक सर्टिफिकेट प्रस्तुत नहीं किया गया तो किस आधार पर टेंडर की दर को खोला गया। उसके बाद उन्होंने 26 अप्रैल 2023 को ठेकेदार को अमान्य कर श्री पांडे की निविदा को मान्य करने की कार्रवाई करने को कहा। परन्तु कार्यपालन अभियंता ने उनके निर्देशों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
बिना जानकारी निरस्त और कर दिया नया टेंडर
बार बार उच्चाधिकारियों के दवाब के बाद आरईएस के कार्यपालन अभियंता ने मान्य ठेकेदार को काम ना देते हुए टेंडर का निरस्त कर दिया और तीनों कार्य का नया टेंडर भी निकाल दिया, परन्तु इसकी जानकारी अधीक्षण अभियंता को नहीं दी।
लोगों को लुभा रहे हैं मिलेट्स से बने स्वादिष्ट व्यंजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 12 जून। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक फसलों को बढ़ावा देने और प्रदेश में कुपोषण की दर को कम करने के उद्देश्य से मिलेट मिशन योजना की शुरूआत की गई है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। साथ ही छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलेट्स से बने व्यंजनों को लोगों की थाली तक पहुँचाने के उद्देश्य से राज्य के सभी जिलों में मिलेट्स कैफे खोले जाने हेतु प्रोत्साहित किया गया है। योजना के अंतर्गत राज्य के प्रत्येक जिले में मिलेट्स कैफे की शुरूआत की जा रही है। योजना के अंतर्गत कोरिया जिले में भी 10 मई से कोरिया मिलेट्स कैफे का संचालन शुरू किया गया है। संचालन के एक माह के भीतर ही कोरिया मिलेट्स कैफे ने सफलता का नया कीर्तिमान रच दिया है।
कोरिया मिलेट्स कैफे ने 12 महिलाओं के साथ ही कुल 18 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है और इनके सामूहिक प्रयास से कैफे को एक माह में ही 2 लाख रूपए का शुद्ध लाभ हुआ है।
कोरिया मिलेट्स कैफे कोरिया जिले में ज्वार, बाजरा, रागी, झंगोरा, बैरी, कंगनी, कुटकी (लघु धान्य), कोदो, चेना (चीना), सामा या सांवा, कुटकी और जौ आदि मिलेट से बने लजीज व्यंजनों जैसे डोसा, चीला, इडली, खीर, गुलाबजामुन, कूकीज, का स्वाद लेने का एक मात्र स्थान है। ये कैफे शुरू होने के पहले दिन से ही लोंगो के लिए आकर्षण का केंद्र बनकर उभरा है। यहां आने वाले उपभोक्ताओं के लिए मिलेट्स के स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ बैठने की बेहतरीन ब्यवस्था, उत्तम सर्विस और सेल्फी प्वाइंट का भी प्रबंध किया गया है। कैफे में सप्ताह के प्रत्येक शनिवार को म्यूजिक नाईट प्रोग्राम किया जाता है जिसकी वजह से लोग यहां आकर अपनी आउटिंग को मजेदार और खुशनुमा बनाते हैं।
कोरिया मिलेट्स कैफे का संचालन रोशनी महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। विगत एक माह में समूह ने कैफे का संचालन करते 2 लाख रूपए की आय अर्जित करते हुए भविष्य की नई संभावनाओं को जन्म दिया है। इससे मिलेट्स का उत्पादन करने वाले किसानों को अपने उत्पाद बेचने का स्थान प्राप्त हुआ है तो दूसरी तरफ कैफे में कार्यरत लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त होने का एक नया रास्ता भी मिला है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
चिरमिरी कोरिया, 9 जून। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार सरगुजा संभाग में मतदाताओं के निर्वाचन की प्रक्रिया में उनकी भागीदारी से संबंधित सूचनाओ को एकत्रित करने हेतु बेसलाइन सर्वे 2023 समान्न कराने के लिए राजीव गाँधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अम्बिकापुर को संभाग स्तरीय नोडल एजेंसी बनाया गया। मनेन्द्रगढ़ विधानसभा के मतदाताओं का बेस लाइन सर्वे का कार्य 13 मई से 15 मई तक किया गया।
सर्वे का कार्य एम. सी. हिमधर, जिला समन्वयक शासकीय रामानुज प्रताप सिंहदेव स्नातकोत्तर, महाविद्यालय बैकुण्ठपुर के मार्ग निर्देशन में तथा सर्वेक्षणकत्र्ता डॉ. अजय कुमार सोनी, प्राचार्य, शा. माँ महामाया महाविद्यालय, खडग़वा द्वारा मनेन्द्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का बेसलाइन सर्वे का कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री के आने का इंतजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुुंठपुर, 9 जून। कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग के एनएचएम के डीपीएम के पद के लिए 10 जून को स्वास्थ्य मंत्री के आने पर कोई निर्णय होने की उम्मीद है। राज्य के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर ने महीनेभर पहले आदेश जारी कर एमसीबी और कोरिया दोनों जिले के प्रभारी डीपीएम को हटाते हुए नई नियुक्ति की थी, जिनकी नियुक्ति कोरिया में हुई है वो अभी तक जाइन नहीं कर पाए है। बताया जा रहा है कि उन पर राज्य स्तर से जाइन न करने का दबाव है।
दरअसल, नवीन जिले एमसीबी के गठन के बाद कोरिया राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में सलाहकार को वहां का प्रभारी डीपीएम बनाया गया, इसी बीच कोरिया के डीपीएम का स्थानांतरण रायगढ़ हो गया, जिसके बाद कलेक्टर कोरिया ने उन्हें कोरिया का डीपीएम बना दिया, जिले मे नए सीएमएचओ की पदस्थापना भी की गई। इस बीच वर्ष 2023 जनवरी माह तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बजट खर्च में कोरिया का 27वां स्थान था। फरवरी और मार्च 2023 के बजट का करोड़ो रूपए खर्च किए गए, और कोरिया 10 प्रमुख जिलों में शामिल हो गया। जिसके बाद 16 मई को राज्य के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर ने एमसीबी के डीपीएम पद के लिए सुलेमान खान और कोरिया के डीपीएम पद के लिए राजीव वर्मा की नई पदस्थापना के आदेश जारी किए। ॉ
दूसरी ओर, मनेन्द्रगढ के डीपीएम ने तत्काल जाइन कर लिया, जबकि कोरिया के डीपीएम को राज्य स्तर पर स्वास्थ्य मंत्री के आने तक ज्वाइन करने से रूके रहने का फरमान जारी हो गया। बीते 24 दिन से डीपीएम कोरिया ने अपना पदभार नहीं संभाला है। सूत्र बताते है कि किसी की कोरिया में डीपीएम पद पर नियुक्ति न हो इसके लिए काफी जोर आजमईश जारी है। 10 जून को स्वास्थ्य मंत्री रायपुर पहुंचने वाले है पूरा दारोमदार अब उन्हीं पर है। अब देखना है कि राज्य सरकार अपना आदेश बदलती है या जिनकी नियुक्ति की गई है वो पदभार ग्रहण करते है।
पूर्व मंत्री भइयालाल राजवाड़े के भरतपुर सोनहत विधायक के खिलाफ बिगड़े बोल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुुंठपुर, 9 जून। बैकुंठपुर के पूर्व विधायक व मंत्री भइयालाल राजवाड़े ने जनकपुर में भरतपुर सोनहत विधायक के खिलाफ बिगड़े बोल सामने आए है। बड़े आत्मविश्वास के साथ बोलते हुए उन्होंने कहा कि कुछ ही दिन बचा है आपका विधायक फिर आरटीआई लगाएगा और भइयालाल के लिए दारू ढोएगा। वहीं उनके बयान पर पलटवार करते हुए भरतपुर सोनहत विधायक गुलाब कमरो ने उन्हें अपने गिरेबान में झांकने की सलाह देते हुए आदिवासियों के खिलाफ झूठी वाहवाही लूटना भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा बताया है।
दरअसल, भाजपा नेता और भरतपुर के जनपद उपाध्यक्ष दुर्गाशंकर मिश्रा के खिलाफ भरतपुर तहसीलदार ने पुलिस में शिकायत की, पुलिस ने श्री मिश्रा को कई गंभीर धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर जेल भेज दिया, वहीं उन्हें न्यायालय से जमानत मिल गई, उनका जनकपुर के रास्ते जोरदार स्वागत किया गया, जनकपुर पहुंचने पर के एमसीबी जिले ज्यादातर भाजपा नेताओं के साथ कोरिया जिले से पूर्व मंत्री भइयालाल राजवाड़े भी पहुंचें, मंच पर आते ही उन्होंने भरतपुर सोनहत विधायक के खिलाफ बिगड़े बोल सामने आ गए।
उन्होंने कहा कि अब ज्यादा दिन नहीं है। 4 महिना ही बचा है, आपका विधायक फिर वही आरटीआई लगाएगा और भइयालाल के लिए दारू ढोएगा, अरे मंै जानता हूं उसको यार, गुलाब सिंह जो विधायक थे, उनके यहां रहता था, मंै भी जाता था। और उसको बुलाए खाना वाना बनाए और दारू लाने और हम लोगों पिलावे, और फिर जाकर जिला पंचायत में बैठ जाए।
सोंस में महिलाओं ने दौड़ाया
पूर्व मंत्री के बिगड़े बोल के बाद भरतपुर सोनहत विधायक गुलाब कमरो ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि उनके बयान की मै निंदा करता हूं। वे अपने गिरेबान में झांक कर देखे जब वे मंत्री थे, तब उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के खिलाफ पूर्व संसदीय सचिव वर्तमान संसदीय सचिव के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है। मैं भी आदिवासी समाज का हूं, पूर्व विधायक स्व गुलाब सिंह भी आदिवासी समाज के थे उनके लिए टिप्पणी कर रहे, मुझे बदनाम किया जा रहा है। इनके पास मुद्दा नहीं है मुददा नहीं होने के कारण ये अमर्यादित शब्द बोल रहे हंै। आदिवासियों का घोर अपमान करना भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा यही है। अपने दिन वे याद करे जब उन्हें सोंस में महिलाओं ने दौड़ाया था, अमका में वे पूरा दिन बिताते थे, उसको वे याद कर ले। पूर्व में भी और वर्तमान में भी सुर्खिया बटोरने का काम पूर्व मंत्री भइयालाल राजवाड़े के द्वारा किया जाता रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुुंठपुर, 24 मई। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के भरतपुर दौरे के दौरान वन विभाग के मुनारों को कांग्रेस के पंजा छाप, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष के नामों के जिंदाबाद के नारों के साथ रंग दिया गया था, खबर के बाद इसका असर देखा गया है, अब मुनारों को वापस सफेद रंग से रंग कर मामले का पटाक्षेप करने की कोशिश की गई है, परन्तु अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई किसी पर नहीं की गई है।
भरतपुर के कांग्रेस के नेताओंं ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के भरतपुर दौर के दौरान ग्राम बरेल से जनकपुर तक सडक़ किनारे पडऩे वाले वन विभाग के मुनारों पर कांग्रेस का चुनाव चिन्ह पंजा छाप से रंग दिया था, जिसकी खबर को ‘छत्तीसगढ़’ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया, परन्तु मामले में मनेन्द्रगढ़ वन मंडल के डीएफओ ने किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
खबर के प्रकाशन के बाद पंजे छाप और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिन्दाबाद, डॉ. चरणदास महंत जिंदाबाद के नारे से रंगे मुनारोंं को अब सफेद रंग से रंग दिया गया है, जबकि मुनारों को रंगे जाने पर गैर जमानती अपराध है। परन्तु वन विभाग ने मुनारों को रंगने वालों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की है, रंगे गए मुनारों पर पेंटर के नाम और मोबाइल नंबर तक अंकित था। बावजूद वन विभाग ने मुनारे रंग जाने के मामले में किसी से पूछताछ नहीं की और ना ही किसी पर कार्रवाई की है।
स्कूल की दीवारें और सूचना पटल अब भी रंगे हुए
खबर के बाद मुनारों को वापस उनके रंगों में रंग दिया गया है, जबकि सरकारी स्कूलों की दीवारों और पीएमजीएसवाई के सूचना पटल पर अब भी कांग्रेस के चुनावी चिन्ह पंजा छाप अंकित है, ज्यादातर ऐसे सूचना पटल हैं, जो विभिन्न गांवों की दूरी बताते थे, उन्हें भी कांग्रेस के नारेां से पोत डाला गया है, उन पर अभी तक मिटाया नहीं गया है।
अब भी वे पंजा छाप से रंगे हुए हैं।
मुनारा बना कांग्रेस पार्टी के प्रचार का साधन-कमला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुण्ठपुर(कोरिया) 15 मई। भारतीय जनता पार्टी की जिला मंत्री कमला ने ‘छत्तीसगढ़’ की खबर जिसमें मुनारे पर कांग्रेस के प्रचार को बताया गया था, पर कहा कि मुनारा कांग्रेस पार्टी के प्रचार का साधन बन गया है।
उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कहा कि विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एमसीबी जिले के भरतपुर सोनहत विधानसभा में कार्यकर्तागण चुनाव प्रचार में जुट गए है तथा चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए नियमों को ताक में रख कर सरकारी सम्पत्ति का उपयोग चुनाव प्रचार में किया जा रहा है तथा जिला के सीमावर्ती से लेकर भरतपुर तक वन विभाग व राजस्व विभाग के द्वारा बनाए गए मुनारे को कांग्रेस के द्वारा चुनाव प्रचार के लिए उपयोग किया जा रहा जिसकी वजह से मुनारों में पंजे के निशान समेत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व डॉ. चरणदास महंत जिंदाबाद के नारे लिख जाने से बदरंग हो गए है। बीते दिनों विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत का दौरा जनकपुर क्षेत्र में था, इस दौरान वन विभाग के मुनारों को भी प्रचार का साधन बनाया गया।
बरेल से लेकर जनकपुर तक सडक़ किनारे बने मुनारों को जमकर प्रचार किया गया। मुनारो से जंगल की पहचान होने के साथ कई उपयोग है,पूर्व में मुनारों में सफेद रंग से पोताई कराने के बाद नम्बर लिखवाया गया था, जो अब नहीं दिख रहा है। दरअसल मुनारो की स्थित से पटवारी समेत राजस्व विभाग के अधिकारी सीमांकन करते हैं, लेकिन अब वन विभाग के मुनारो पर कांग्रेस का कब्जा हो गया है।
इससे पहले इसका राजनीतिक रूप से कभी उपयोग नहीं देखा गया है। तथा मुनारों के स्वरूप को परिवर्तन करना लोक संपत्ति निरूपण अधिनियम के तहत भी गैर जमानती अपराध है। तथा उक्त कार्यवाही किये जाने पर दो वर्ष की सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है। विज्ञप्ति के माध्यम से प्रशाशन को बतलाना चाहूंगी की उक्त क्रियाकलाप् के खिलाफ जल्द से जल्द कानूनी कार्यवाही किया जाते जिससे ग्रामीण क्षेत्रो व वन विभाग मे बने मुनारो को सुरक्षित रखा जा सके।
छात्रहित में स्कूलों में ग्रंथपाल की भर्ती आवश्यक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुण्ठपुर(कोरिया) 15 मई। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं उप प्रान्ताध्यक्ष राजेन्द्र सिंह दद्दा ने जानकारीदिी कि स्कूल शिक्षा विभाग के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को राज्य शासन के द्वारा प्रतिवर्ष ज्ञानवर्धक पुस्तकों को विद्यार्थी हित के दृष्टिगत भेजा जा रहा है। लेकिन अधिकांश विद्यालयों में विद्यार्थियों के अध्ययन हेतु पुस्तकें उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग के भर्ती नियम 5 मार्च 2019 में ग्रंथपाल (निम्न वेतनमान ) का 1857 पद वेतनमान 5200-20200 + ग्रेड पे ? 1900 (लेवल-4) स्वीकृत है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने बताया कि सन 2008 से ग्रंथपाल ( निम्न वेतनमान) का 2346 पद स्वीकृत हैं। जिसमें केवल 120 कार्यरत हैं एवं 2226 पद रिक्त पड़ा है। जबकि भर्ती नियम में ग्रंथपाल 100 त्न सीधी भर्ती का पद है। ग्रंथपाल पद पर नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता हायर सेकण्डरी उत्तीर्ण के साथ पुस्तकालय योजना का प्रमाणपत्र आवश्यक है।
उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य के सरकारी स्कूलों में अधिकांश विद्यार्थी आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आते हैं। विद्यार्थियों को स्कूली पढ़ाई-परीक्षा के साथ-साथ भविष्य के प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए *पढऩे की आदत* की महत्वपूर्ण भूमिका है। जोकि पुस्तकालय (लाइब्रेरी) में ही संभव है। उन्होंने बताया कि आर्थिक अभाव एवं संसाधन की कमी के कारण बहुत से होनहार विद्यार्थी निराश होकर परिवार के जीवन यापन के काम में लग जाते हैं। उनका कहना है कि लाइब्रेरी (पुस्तकालय) विद्यार्थियों को ज्ञान-विज्ञान की जानकारी प्रदान करने में सहायक होते हैं । पुस्तकालय से विद्यार्थियों को पढऩे का वातावरण और विचारों के आदान प्रदान करने का अवसर एवं सत्संग मिलता है। जोकि विद्यार्थियों को अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं।
उन्होंने बताया कि पुस्तकालय का संचालन सही ढंग से करना विद्यार्थी हित में आवश्यक है। जिसके लिए फेडरेशन ने स्कूलों में ग्रंथपाल की नियुक्ति करने का माँग राज्य शासन से किया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर 13 मई। मनेन्द्रगढ़ वनमंडल के जनकपुर पहुंच मार्ग पर पडऩे वाले वन विभाग के मुनारे कांग्रेस के पंजा छाप निशान से सराबोर है। मुनारो के स्वरूप बदल कर उसमें पंजा छाप के बड़े-बड़े निशान बनाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिंदाबाद, डॉ.चरणदास महंत जिंदाबाद के नारे लिख दिए गए है, जबकि मुनारे का स्वरूप बदलना कानून रूप से संज्ञेय अपराध की श्रेणी में तो आता ही है साथ ही लोक संपत्ति निरूपण अधिनियम के तहत भी गैर जमानती अपराध है।
इस सिलसिले में मनेन्द्रगढ़ वन मंडल के डीएफओ लोकनाथ पटेल से मोबाइल पर संपर्क किया गया उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया, उन्हें टैक्ट मैसेज और व्हाट्सअप मैसेज कर जवाब मांगा गया, परन्तु उनकी इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
चुनावी वर्ष हैं, कांग्रेस चुनावी तैयारी में जुटी है, हर हाल में जनता के बीच पहुंचने की होड़ मची हुई है। हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत का दौरा जनकपुर क्षेत्र में था, उनके दौरे के पूर्व कांग्रेस ने वन विभाग के मुनारों के स्वरूप को ही बदल डाला, जिस रास्ते से डॉ. महंत का काफिला जनकपुर पहुंचा, बरेल से लेकर जनकपुर तक वह रास्ता जंगलों के बीच से गुजरता है, रास्ते के किनारे बड़ी संख्या में वन विभाग के मुनारे स्थित है।
ज्यादातर सडक़ पर है, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मुनारों को कांग्रेसमय कर दिया, मुनारो पर पंजा छाप का निशान के साथ नेताओं के जिंदाबाद के नारे लिखवा दिए, मुनारों के अलावा कई शासकीय संकेतों पर भी नारे लिखवा डाले जिन पर गांव पहुंच मार्ग व किमी अंकित था। मुनारों को पूर्व में वन विभाग ने सफेद रंग से पुतवा कर उनमें नंबर अंकित किए थे, उस पर कांग्रेस के चुनाव चिन्ह का निशान बना दिया गया हैं, जिससे मुनारें पर लगा नंबर मिट चुका है। वहीं जिस पेंटर ने इन मुनारों का स्वरूप बदला उसने बकायदा मुनारों पर ही अपना मोबाइल नंबर और नाम अंकित कर रखा है। अब सवाल यह उठ रहा है कि वन विभाग इतना बडा अपराध किस राजनीतिक दबाव मे आकर कर रहा है, कही ना कही पूरे मामले में डीएफओ मनेनद्रगढ़ की भूमिका संदिग्ध देखी जा रही है। जबकि जानकार बताते है कि मामले में पेंटर से पूछताछ कर लिखवाने वाले तक पहुंच कर कार्यवाही की जानी चाहिए।
क्या होता है मुनारा
वन विभाग में वनोंं को अलग-अलग कक्ष क्रमांक में बांटा जाता है, वनमंडल का परिक्षेत्र, बीट व कक्ष का सीमांकन मुनारों द्वारा किया जाता है, मुनारा सीमा दर्शाता है, मुनारे में मुनारा क्रमांक रहता है, मुनारा जगल की दिशा बताता है। किस तरफ का जंगल कौन सा है। मुनारा राजनीतिक प्रचार का संसाधन नहीं है इनमें वनों को बचाने के स्लोगन लिखे रहते है। इसके अलावा कक्ष का इतिहास लिखा रहता है।
गैर जमानती अपराध
वन विभाग के जानकारों के अनुसार मुनारों के स्परूप को बदलना गंभीर अपराध है, वन अधिनियम 1927 की धारा 63 के तहत सीमा चिन्हों (मुनारा) को विस्पित करने बदलने पर गैर जमानती अपराध जिसकी अवधी दो वर्ष, जुर्माना या दोनो से दंडनीय होगा। दूसरी ओर लोक संपत्ति निरूपण अधिनियम के तहत शासकीय संपत्ति को अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति को स्याही, खडिय़ा, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा, उस पर जुर्माने के साथ दंडनीय अपराध की सीमा में आएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 12 मई। साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनैतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है, चुनावी साल में भाजपा अब कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन दिख रही है। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा मेंं इस बार काफी दावेदार मैदान में दिख रहे हंै। खास बात यह है कि इस बार भाजपा के तीनों जिला उपाध्यक्ष बैकुंठपुर सीट के लिए दावेदारी जता रहे है।
भाजपा में बैकुंठपुर विधानसभा सीट के लिए पूर्व नपा अध्यक्ष व भाजपा उपाध्यक्ष शैलेष शिवहरे एक बार फिर मैदान में है, वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में उनकी दावेदारी सशक्त थी, विकास यात्रा के दौरान वे अपने समर्थकों के साथ काफी प्रभावी नजर आए थे, लग रहा था कि उनको टिकट मिल जाएगा, वहीं भाजपा ने पूर्व मंत्री पर भरोसा किया और बैकुंठपुर सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा, बीते 4 वर्षो से श्री शिवहरे विभिन्न आयोजनों के माध्यम से जनता के बीच अपने पहुंच बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब देखना है इस बार उन्हें मौका मिलता है या नहीं।
वहीं इस सीट के लिए भाजपा के पूर्व जिला पंचायत सदस्य व जिला भाजपा उपाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी भी बीते कई वर्षों से अपना भाग्य आजमा रहे है। वर्तमान में प्रदेश भाजपा ने उन्हें रामानुजगंज विधानसभा की जिम्मेदारी भी दे रखी है। बावजूद इसके वे क्षेत्र में हर कही जनता के बीच पहुंचने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। युवा नेता देवेन्द्र तिवारी का भी नाम बीते विधानसभा चुनाव में भी टिकट की दावेदारी के लिए सामने था।
कांग्रेस सरकार के लिए खिलाफ बीते 4 वर्षों में वे काफी मुखर रहे है, सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार के खिलाफ उन्होनें जमकर जहर उगला है। वहीं भाजपा के एक और उपाध्यक्ष लक्ष्मण राजवाड़े इस बार काफी सक्रिय देखे जा रहे है। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में वे इस सीट के पहले दावेदार थे परन्तु इस बार वे भाजपा के कार्यक्रमों के अलावा क्षेत्र में देखे जा रहे है।
श्री राजवाड़े भाजपा के पुराने कार्यकर्ता है, इस पर उनकी सक्रियता उन्हें टिकट का दावेदार बना रही है। वहीं भाजपा में बेहद सक्रिय डॉ.राकेश शर्मा भी मैदान में देखे जा रहे है, हालांकि ऐसा बताया जा रहा है कि वे सांसद के लिए तैयारी कर रहे है, परन्तु भाजपा के पास बैकुंठपुर सीट के लिए वे भी एक आप्शन है, उनका कहना है वे पार्टी के कार्यकर्ता है पार्टी उनको जैसा आदेश देगी वे हर आदेश के लिए तैयार है। इसके अलावा पूर्व मंत्री भइयालाल राजवाड़े 75वें वर्ष में चल रहे है श्री राजवाडे को भाजपा 4 बार टिकट दे चुकी है, जिसमें वे दो बार जीते है और दो बार हार चुके है।
वे भी क्षेत्र के भ्रमण में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है, उनके समर्थक एक बार फिर उनके टिकट की आस लगाए बैठे हैं। वहीं उनकी बहु वंदना राजवाडे जिन्होंने हाल ही में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता है वो भी मैदान में है। इसके अलावा साहू समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे भाजपा के वरिष्ठ सदस्य जगदीश साहू और युवा नेता अनिल साहू भी मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
देखना है कि आने वाले समय दावेदार खुद हो बेहतर प्रत्याशी घोषित करने किस तरह की रणनीति बनाते है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 12 मई। संसदीय सचिव व बैकुंठपुर विधायक अंबिका सिंहदेव ने 1536.7 लाख के 5 बड़े पुल के निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया।
इस अवसर पर काफी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे। ग्राम सारा और ग्राम तरगवंा मेें आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर श्रीमति सिंहदेव ने कहा कि क्षेत्र की बहुप्रतिक्षित मांग आज पूरी हो रही है।
पुल के निर्माण से आमजन के आवागमन में राहत मिलेगी और दूरी भी कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बीते 4 वर्षों में क्षेत्र में लगभग ग्रामीण सडक़ों का जाल बिछ गया हैं, इन पुलों के निर्माण से क्षेत्र वासियों को सुविधा मिलेगी। कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरिया को विकास कार्यों में कोई कमी नहीं होने दी है, हाल ही में बैकुंठपुर के गेज नदी पर रियासतकालीन पुल के बगल से नवीन पुल का निर्माण शुरू हो गया है। जिसके निर्माण से संकरे पुल को और चौड़ा हो जाने से लोगों को राहत मिलेगी।
प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत 1536.7 लाख के 5 पुलों के निर्माण का भूमिपूजन किया गया, जिसमें नगर से सलका मार्ग पर दो पुल, बैकुंठपुर जूनापारा कुडेली मार्ग पर एक पुल और खाड़ा रनई मार्ग पर दो पुल का निर्माण होगा। सभी सडक़े पीएमजीएसवाय की है, जहां इन पुलों का निर्माण होना है, भूमिपूजन के बाद पुल का फाउंडेशन की खुदाई शुरू हो गयी।
आम आदमी पार्टी की नेत्री ने किया सोनहत विकासखंड का दौरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया ), 28 अप्रैल। आम आदमी पार्टी की नेत्री सुखवंति सिंह ने भरतपुर सोनहत विधानसभा के सोनहत का दौरा किया। उन्होंने दौरे के दौरान मिली समस्याओं के जल्द निदान के लिए कलेक्टर को पत्र लिखकर मांग की है।
श्रीमती सिंह ने बताया कि जिस ग्राम के बारे में कांग्रेसी खुद उनकी समस्या को लेकर जमकर शोर मचाया करते थे आज सत्ता में आने पर भी उसका हल नहीं कर पाए है। उन्होंने बताया कि सोनहत विकासखंड के ग्राम लोलकी के ग्रामीणों ने बताया कि उनका जाति निवास सरकार के द्वारा नहीं बनाया जाता है कारण पुछने पर ग्रामवासी कहते है की हमारे गांव का भू अभिलेख नहीं है जाती निवास के लिए सरकार के द्वारा भू अभिलेख मांगा जाता है जिसे हम नहीं दे पाते है हमारे गांव को शासन के द्वारा न ही राजस्व ग्राम में रखा गया है और न ही वन ग्राम की श्रेणी में रखा गया है ऐसे में हमारे पास कोई भू अभिलेख नही है न ही हमारे गांव का नक्शा खसरा बी 1 भी है जाती निवास के अभाव में हमारे बच्चों का भविष्य अंधकार मय होता जा रहा है ।
अपने पत्र में उन्होंने बताया कि सोनहत क्षेत्र भ्रमण के दौरान ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं बताई, सोनहत विकासखंड के ग्राम मधौरा, लटमा, सुदरपुर, मझारटोला से लेकर रावतसरई, बेलार्ड सिंहपानी, रजौली, जोगीया के ग्रामों के ग्रामीणों ने बताया कि इन ग्रामों में पेयजल की समस्या है। गांवों में मौजूद हैंडपंप, सोलर पंप सूख चुके हैं, कई हैंडपंप बिगड़े हुए हैं, जिनका मरम्मत विभाग के मैकेनिकों के द्वारा नहीं किया जा रहा है, जिससे वहां के ग्रामीणों को पेयजल के लिए नदी नालों, ढोढ़ी, कुओं के उपर निर्भर रहना पड़ रहा है ऐसे में काफी दिक्कतो का सामना इस भीषण गर्मी में करना पड़ रहा है।
सोनहत विकासखंड के रामगढ़ अंचल के ग्राम सुकतरा के ग्रामीणों ने बताया कि उनके ग्राम में हाथी का आये दिन आगमन होता रहता है और फसलों को नुकसान पहुचाया जाता है पिछले महीनों में दो तीन बार हाथीयों के द्वारा ग्रामीणों के फसल को बर्बाद किया गया है किंतु वन विभाग के द्वारा ग्रामीणों को किसी भी प्रकार का मुआवजा क्षतिपूर्ति राशी का भुगतान नहीं किया गया है न ही स्थानीय फारेस्ट विभाग के कर्मरचारियों के द्वारा क्षतिपूर्ति प्रकरण तैयार किया जाता है जिससे उन्हें उनके फसल के नुकसान की भरपाई नही हो पाती है जिससे जांच कराकर ग्रामीणों का प्रकरण तैयार करवाकर क्षतिपूर्ति राशी का वितरण करने हेतु विभाग को निर्देशित करने का कष्ट करें।
सुकतरा के ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग के फारेस्ट गार्ड द्वारा पिछले वर्ष 2022 में सुकतरा गांव की महिलाओं से पार्क के जंगलो मे खड़ कटाई (जंगली घास की कटाई कराया गया था जिसे ग्रामीणों से 400 रूपये प्रतिकिलो की दर पर विभाग के द्वारा खरीदी करने के लिए बोला गया था कथनानुसार गांव की 20 से अधिक महिलाओं ने खड़ काट कर विभाग के पास 2 क्विंटल खड़ का विक्रय किया जिसका आज तक उन्हें मजदूरी विभाग के द्वारा भुगतान नहीं किया गया जिससे ग्रामीण महिलाएं काफी आहत हैं, संबंधित वन विभाग को निदेशित कर ग्रामीण महीलाओं का भुगतान कराने का कष्ट करें।
ग्राम सुकतरा के ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग के फारेस्ट गार्ड के द्वारा गांव में पेयजल सिंचाई आदि कार्यों के लिए ग्रामीणों द्वारा बोर कराये जाने पर बोरवेल की गाड़ी को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाता, प्रवेश के लिए ग्रामीणों से पांच हजार रूपये रिश्वत की मांग की जाती है तभी गांव में बोरवेल गाड़ी को गांव के अंदर आने दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणेां की समस्याओं का जल्द निराकरण हो ताकि गामीणों को उनका अधिकार मिल सके।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया ), 28 अप्रैल। कोरिया जिले के स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ 1 मई को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय का घेराव करेगा। कोविड 19 के टीकाकरण की प्रोत्साहन राशि नहीं दिए जाने को लेकर विभाग कोई पहल नहीं कर रहा है, जबकि राशि विभाग को सरकार द्वारा आबंटित की जा चुकी है।
संघ के जिला अध्यक्ष श्रेयांश जायसवाल ने बताया कि अगस्त 2021 से सितम्बर 2022 तक के कोविड 19 टीकाकरण की प्रोत्साहन राशि का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया है जिसकी जानकारी कई बार पत्राचार के माध्यम से आपको अवगत कराया गया एवं इस संबंध में उनके द्वारा कलेक्टर को भी पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया, परन्तु सीएमएचओ द्वारा किसी भी प्रकार कोई कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में समस्त कर्मचारियों को विभाग के प्रति रोष है। दिनांक 30 अपै्रल तक कोविड 19 टीकाकरण प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं होने की स्थिति में स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ कार्यालय घेराव के लिए बाध्य होगा।
प्रोत्साहन राशि को लेकर स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ काफी समय से सीएमएचओ को पत्राचार कर रहा है, तत्कालीन सीएमएचओ को कोविड-19 टीकाकरण के लिए कार्य पश्चात् मानदेय भुगतान के संबंध में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से लेकर विभाग के डायरेक्टर ने सीएमएचओं का पत्र लिखकर भुगतान करने के निर्देश दिए है। बावजूद इसके अब तक इसका भुगतान नहीं हो सका है, वहीं घेराव की चेतावनी के बाद वर्तमान सीएमएचओ ने सभी सीएचसी स्तर के अधिकारियों की 26 अप्रैल को बैठक बुलाई, परन्तु सूत्रों का कहना है कि आई प्रोत्साहन को अन्य बजट में खर्च कर दिया गया है, जबकि राशि है ही नहीं तो देने के लिए विभाग आनाकानी कर रहा है।
कितनी राशि है बकाया
कोविड 19 के टीकाकरण को लेकर राशि में वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में बैकुंठपुर तहसील को 73953881, मनेन्द्रगढ़ तहसील को 77972513 खडगवां तहसील को 85720239, सोनहत तहसील को 46741894 और भरतपुर तहसील को 55066132 कुल राशि देय है, परन्तु विभाग इस मामले में चुप्पी साधे हुए है।
मनेन्द्रगढ़, 27 अप्रैल। छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस जिला कोरिया और मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर की संयुक्त बैठक 30 अप्रैल को मनेंद्रगढ़ में आयोजित की गई है। बैठक में छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष एवं अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला, जिला कोरिया के अध्यक्ष गजानन तिवारी सहित जिले के प्रांतीय स्तर के पदाधिकारियों की उपस्थिति में नव गठित जिला मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के जिला अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा।
प्रांतीय सचिव टी. विजय गोपाल राव ने कोरिया और एमसीबी जिले के छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस के सभी पदाधिकारियों से चुनाव में भाग लेने की अपील की है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर 24 अपै्रल। अतिक्रमण के उद्देश्य से जंगल में स्थित बड़े-बड़े साल के पेड़ों को तेजी से काटा जा रहा है, बीतेे एक सप्ताह में रामगढ़ के जंगलों में कई दर्जन पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई है। हैरानी की बात यह कि वन विभाग सब जानते हुए भी इस पर रोक लगाने में अक्षम नजर आ रहा है। पहले पेड़ों को नीचे से चिन्हाकित कर लिया जाता है, बाद में उसे काट कर गिरा दिया जाता।
कोरिया जिले के कोरिया वनमंडल अंतर्गत सोनहत रेंज में रामगढ़ और चुलादर के बीच कक्ष क्रमांक 191 और उसके आसपास कई दर्जन साल के पेड़ों का काट डाला गया है। वर्षों पुराने बेहद लंबे और मोटे मोटे पेड़ों को काट कर गिरा दिया गया, इस क्षेत्र में साल के पेड़ों के बीच ठूंठों की भरमार है, यहां हर दिन पेड़ों की कटाई जारी है।
‘छत्तीसगढ़’ इस स्थान पर पहुंचा तो हैरान रह गया, कई फीट लंबे पेड़ों को पहले नीचे की ओर से चारो ओर से काट कर चिन्हाकित किया गया है, जिससे उन्हें काटा जाने की तैयारी है और दर्जनों बड़े बड़े पेड़ों का काट कर नीचे गिराया गया है। काटे गए पेड़ों के ठंूठ में वन विभाग द्वारा पीओआर किए जाने के निशान नहीं है, यदि विभाग पीओआर करता है तो काटे गए ठूंठ पर हैमर चला कर निशान अंकित करता है, परन्तु ऐसा नहीं किया गया है। इससे साफ है कि महीनों से इस ओर विभाग को कोई लेना देना नहीं है और जंगलों में अंधाधूंध पेड़ों की कटाई जारी है।
वन विभाग को इसकी पूरी जानकारी है परन्तु अवैध कटाई पर रोक के लिए विभाग ने अब तक कोई पहल नहीं की है। विभाग को अवैध कटाई के रोकने और काटे गए पेड़ों की लकड़ी जब्त करने में उदासीनता दिखाई जा रही है।
अतिक्रमण के लिए कटाई
वन अधिकार के लिए नए अतिक्रमण जारी है, रेगूलर के जंगलों में कुछ ही क्षेत्र बचा है, जहां अतिक्रमण नहीं हुआ है, बीते 4 वर्षों से बचे जंगल मेंं अब पेड़ों को काट कर अतिक्रमण का काम जारी है। यही कारण है कि पेड़ों को काट कर अपने हिस्से की भूमि का समतल किया जा रहा है। यहां तक कि वन क्षेत्र में मजदूरों की बिना किसी सुविधा में मनरेगा के कार्य करवाए जा रहे है, उसी के आसपास दर्जनों पेड़ों को काटा गया है। ताकि नया कब्जा हासिल किया जाए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 24 अपै्रल। चुनावी वर्ष में कार्यकर्ताओं को पार्टी छोडक़र जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव के पूर्व कार्यकर्ता कांग्रेस और भाजपा में शामिल होने लगे है। बैकुंठपुर विधानसभा में अंबिका सिंहदेव से प्रभावित होकर सैकड़ों युवाओं ने कांग्रेस ज्वाईन की तो भरतपुर सोनहत विधानसभा में जिला पंचायत सदस्थ द्रृगपाल सिंह के नेतृत्व में काफी संख्या में युवाओं ने भाजपा में शामिल हुए है।
भाजपा के जिला मंत्री और जिला पंचायत सदस्य दृगपाल सिंह भरतपुर सोनहत विधानसभा का लगातार दौरा कर रहे है। रविवार को भाजपा के कुंवारपुर मंडल के ग्राम पंचायत रामगढ़ के ग्राम सगरा, ग्राम गेरवानी, ग्राम मोहनटोल, ग्राम पंचायत तोजा, ग्राम कुंवारपुर, ग्राम गढवार, ग्राम पटपरटोल, ग्राम पोड़ी, ग्राम जोलगी के काफी संख्या में युवा साथियों ने भारतीय जनता पार्टी से प्रभावित होकर पार्टी में प्रवेश किया। इस संबंध में जिला पंचायत सदस्य दृगपाल सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की मोदी सरकार से लोग काफी प्रभावित है। केन्द्र की योजना की बात की जाए तो पीएम आवास योजना को लेकर लोगों में काफी उत्साह है, परन्तु राज्य की कांग्रेस सरकार ने इस योजना से लोगों को दूर कर दिया, भाजपा में शामिल युवाअ भाजपा के रीति नीति से प्रभावित होकर 40 से ज्यादा लोगों ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है। शामिल लोगों को भारतीय जनता पार्टी के कोषाध्यक्ष विवेक तिवारी, जगदीश वासुदेव और जिला मंत्री दृगपाल सिंह उईके ने शामिल लोगों को सदस्यता दिलाई।
250 कांग्रेस में शामिल
इधर, कांग्रेस सरकार और बैकुंठपुर विधायक अंबिका सिंहदेव ने प्रभावित होकर 12 सरपंचों के साथ 250 लोगों ने कांग्रेस की सदस्यता ली। जिसमें मुरमा सरपंच उदय सिंह मुरमा, चेरवापारा सरपंच नारायण सिंह, अंगा सरपंच कमलावती, चारपारा सरपंच चंद्र प्रकाश, रामपुर सरपंच तुलेश्वर सिंह, बडग़ांव सरपंच राकेश पैकरा, डकईपारा सरपंच गुलाब चंद पैकरा, पूटा सरपंच सुपारी लाल, जामपानी सरपंच मनीष कुमार, सोरगा सरंपच बसंती सिंह, सांवांरांवा सरपंच प्रेमसिंह के साथ 12 सरपंचों सहित 250 से अधिक लोगों ने कांग्रेस की सदस्यता ली।
इस अवसर पर विधायक अंबिका सिंहदेव के साथ सांसद ज्योत्सना महंत प्रमुख रूप से उपस्थित रही। मुरमा में आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्ष नजीर अजहर, योगेश शुक्ला, वेदांती तिवारी, प्रदीप गुप्ता, अशोक जयसवाल, बिहारी राजवाड़े, विजय सिंह सहित समस्त कॉग्रेस जन उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुण्ठपुर (कोरिया), 20 अप्रैल। बुधवार की शाम कोरिया जिले के बंजारीडाँड़ में एक छुही खदान धंसकने से 4 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 3 महिलाएं और एक पुरुष शामिल है।
सूचना पर संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव मौके पर पहुंची और तत्काल खदान से लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू हुआ, खदान से मानमती (60) मीरा (40) दोनों ग्राम गढ़तर निवासी है, इसके अलावा राम सुंदर (45) पूजा 25 दोनो ग्राम पोटेडाँड़ निवासी हैं। शवों को निकालने के बाद रेस्क्यू का कार्य जारी था, खदान बंजारीडाँड़ के लोहरी पारा के लोहारिया नदी के पास है, यहाँ तक जाने का रास्ता कच्चा है, मौसम के खराब होने के कारण रेस्क्यू में थोड़ी परेशानी आई बाढ़ में सभी शवों को बाहर निकाला गया। चारों शवों को संजीवनी 108 की मदद से जिला अस्पताल बैकुण्ठपुर लाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया है, शुक्रवार को सभी शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा गया।
इस संबंध में संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव ने बताया कि वो मौके पर ही थी, खदान पुरानी है और ग्रामीण अपने घर के उपयोग के लिए छुही मिट्टी निकालते आए थे, धंसने की सूचना पर पुलिस और वन विभाग के साथ पूरा अमला जुटा रहा, मृतक के परिजनों को 4-4 लाख रुपए के मुआवजा दिया जाएगा। शुक्रवार की सुबह एक बार फिर रेस्क्यू टीम खदान का मुआयना किया गया, बताया जा रहा है कि कुल 4 लोग ही अंदर फंसे थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 19 अप्रैल। विधानसभा चुनाव 2023 को अब मात्र 6 माह रह गए है, परन्तु अभी माहौल में एकदम शांति है। राजनैतिक दल अभी चुनावी मोड में नजर आ रहे है। दावेदार मैदान में उतर चुके है। पार्टी के कार्यक्रमों के अलावा मैदान में दावेदार खुद को सामने लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। सभी चुनावी मैदान में उतरने के लिए अपनी रणनीति पर काम कर रहे है। बैठकों को दौर जारी है। दूसरी ओर उभरते हुए दल बीते 4 साल पूरे समय सक्रिय रहे है।
छत्तीसगढ़ राज्य की पहली विधानसभा क्रमांक 1 भरतपुर सोनहत की बात की जाए तो यहां बीते 4 वर्ष कांग्रेस सत्ता मेंं है, दावा किया जा रहा है कि 1300 करोड़ के विकास कार्य किए गए है। कांग्रेस को लग रहा है कि नया जिले का निर्माण उसके लिए मील का पत्थर साबित होने वाला है, विकास कार्यो के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चेहरे को लेकर वे आश्वस्त है।
कांग्रेस के कार्यकर्ता सीसी सडक़ हो या पुल पुलिया, वन विभाग हो या आरईएस विभाग वे विकास कार्यो में ज्यादा व्यस्त है, चुनावी वर्ष है इसलिए ज्यादा से ज्यादा काम निपटाने में जुटे है, 4 वर्ष बेहिसाब रेत का अवैध उत्खनन करने के बाद चुनावी वर्ष में अवैध कारोबार पर हल्का ब्रेेक लगाया गया है, परन्तु जनता इससे अनभिज्ञ नहीं है। वहीं हाल ही में मारपीट की घटना में हुई मौत के मामले में कांग्रेस को बैकफूट पर ला खड़ा किया है। मामले में मौत हो जाने के बाद मामले ने तूल पकड़ा जबकि ऐसी घटना प्राय पूरे कार्यकाल में घटित होती रही है, जिससे लोग डरे सहमे रहे है।
भाजपा विधानसभा में कानून व्यवस्था, गुंडागर्दी, अवैध रेत उत्खनन से लेकर क्षेत्र में नेताओं की निष्क्रियता व पिकनिक दौरों को मुद्दा बनाने में जुटी हुई है, दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के साथ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी इस बार प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में दिख रहे है, क्योंकि बीते 4 वर्ष इनकी सक्रियता किसी से छिपी नहीं है। इस क्षेत्र में गोडवाना गणतंत्र पार्टी अंदरखाने में बेहद सक्रिय है। तो आम आदमी पार्टी ने जनकपुर क्षेत्र में खुद को काफी मजबूत किया है।
दावेदारों में सक्रियता
कोरिया से अलग जिला होने के बाद एमसीबी जिले के भाजपाई थोड़ा राहत महसूस कर रहे है, नए अध्यक्ष के साथ नई कार्यकारिणी को लेकर वे उत्साहित है। भरतपुर सोनहत विधानसभा में भाजपा के दावेदारों की बात करे तो भाजपा के जिला पंचायत सदस्य दृगपाल सिंह मैदान मे नजर आ रहे है, कांग्रेस राज में अवैध रेत उत्खनन के मामला हो या जनता से जुड़ा कोई भी मामला, वे सक्रिय दिखााई दे रहे है, साथ वे ना सिर्फ जनकपुर क्षेत्र में वे सोनहत में भी बेहद सक्रिय है। इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य रविशंकर सिंह, उर्मिला सिंह के साथ पूर्व विधायक चंपा देवी पावले प्रमुख है, श्रीमति पावले ने भी बीते 4 वर्षो में कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला है।
अब देखना है भाजपा हारे हुए चेहरों को लेकर मैदान में उतरती है या नए चेहरों को लेकर सामने आती है। वहीं बीते दिनों भाजपा प्रभारी रामविचार नेताम इन दावेदारों से मिल कर टिकट के दावेदारों की नब्ज टटोल कर गए है। आम आदमी पार्टी की ओर से प्रदेश उपाध्यक्ष सुखवंति सिंह टिकट की प्रमुख दावेदार है जबकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से श्याम सिंह मरकाम एक फिर दावेदारी कर रहे है, गोंगपा को 2018 के चुनाव में 26632 मत मिले थे, वे हार के बाद से इस क्षेत्र मे सक्रिय है। वहीं कांग्रेस में कोई नया दावेदार अभी तक सामने आता नहीं दिख रहा है।
नए जिले का कितना असर
भरतपुर सोनहत विधानसभा का क्षेत्र काफी बड़ा है, नए जिले के निर्माण से राजनीतिक समीकरण बदल चुके है। कोरिया जिलामुख्यालय बैकुंठपुर से जनकपुर की दूरी 156 किमी थी, वहीं नवीन जिला मुख्यालय से 110 किमी की दूरी है, जिस कारण जनकपुर, कोटाडोल से लेकर माडीसरई और चांटी जैसे दूरस्थ क्षेत्रों को नवीन जिला बनने से दूरी का लाभ ना के बराबर मिला है। नवीन जिला बनने से भरतपुर तहसील हो या केल्हारी अभी तक इन्हें कोई नया कार्यालय नहीं मिला है। इसका यहां नए जिले के निर्माण का असर काफी कम है। साथ ही विधानसभा का सोनहत क्षेत्र अब पुराने जिला में रह गया है। इसका असर चुनावों में कितना होता है यह देखने वाली बात होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 12 अप्रैल। बेमेतरा की घटना के बाद कोरिया जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने दंगाईयों से निपटने के लिए मॉकड्रिल किया, पुलिस लाइन में हुई मॉकड्रिल में कई राउंड फायर के साथ अश्रु गैस भी फेंक कर दंगाईयों पर नियंत्रण करने की कोशिश की गई।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, एसपी त्रिलोक बसंल, एडिशनल एसपी रोहित झा, एसडीएम अंकिता सोम, डीएसपी कविता ठाकुर, तहसीलदार मनहरण राठिया, पटना तहसीलदार श्री शर्मा के साथ काफी संख्या में पुलिस के जवान उपस्थित रहे।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल ने कहा कि मॉकड्रिल में पुलिस के स्टाफ के साथ न्यायिक मजिस्टे्रट शामिल हुए, दंगाईयों ने निपटने क्या क्या पेपर वर्क करना होता है, किस तरह की सावधानियां बरतने की जरूरत होती है, इसका प्रशिक्षण दिया गया।
बेमेतरा की घटना के बाद जिले भर में किसी तरह की अप्रिय घटना ना हो इसके लिए जिला प्रशासन संजीदगी से नजर बनाए हुए है, मंगलवार की शाम पुलिस द्वारा पूरे शहर में फ्लेग मार्च किया गया, बुधवार को जिला मुख्यालय बैकुंठपुर स्थित पुलिस लाइन में दंगाईयों ने निपटने के लिए मॉक ड्रील किया गया, जिसमें एक ओर दंगाईयों के रूप में पुलिस जवानों को सामान्य वेशभूषा के साथ खड़ा किया गया, दंगाईयों द्वारा पत्थरबाजी की गई, जिसके बाद पुलिस की पैरामिलेट्री फोर्स ने मोर्चा संभाला, दंगाईयों पर नियंत्रण करने के लिए अश्रु गैस के गोले छोड़े गए, इसके अलावा न्यायिक मजिस्ट्रेट की आदेश पर कई राउंड हवा में फायरिग भी की गई है। इसके बाद घायल होने के लिए दंगाईयों को अस्पताल भेजा गया है। इस तरह की पूरी प्रक्रिया की गई, इस मॉकड्रिल के साथ जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने जवानों को दंगाईयों से निपटने के लिए टिप्स भी दिए।