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रायपुर, 4 जुलाई। अंजनेय विश्वविद्यालय ने बताया कि विज्ञान संकाय सैद्धांतिक ज्ञान को वास्तविक व्यावहारिक अनुभव के साथ जोडऩे में अग्रणी बना हुआ है। हाल ही में, फॉरेंसिक विज्ञान विभाग ने अपराध स्थलों पर फिंगरप्रिंट विश्लेषण पर एक प्रभावशाली कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें छात्रों को अपराध जांच की तकनीकी जटिलताओं में शामिल किया गया।
विश्वविद्यालय ने बताया कि व्यावहारिक शिक्षा मॉड्यूल के हिस्से के रूप में, आगजनी और हत्या की जांच के लिए नकली अपराध स्थलों का अनुकरण किया गया ताकि छात्रों को वास्तविक और गहन फॉरेंसिक अनुभव प्रदान किया जा सके। यह पहल संकाय द्वारा पिछले दो वर्षों से लगातार चलाए जा रहे एक बड़े अनुभवात्मक शिक्षा कार्यक्रम का हिस्सा है। माइक्रोबायोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी के छात्रों के लिए विशेष रूप से आयोजित किए जाने वाले व्यावहारिक कार्यशालाएं पाठ्यक्रम की एक विशेषता हैं।
विश्वविद्यालय ने बताया कि हमारे प्रथम सेमेस्टर के छात्र पहले से ही माइक्रोबियल कल्चर और ग्राम स्टेनिंग तकनीकों में प्रवीण हैं, जो प्रदान किए गए प्रारंभिक और प्रभावी प्रयोगशाला प्रशिक्षण का प्रमाण है। विज्ञान संकाय में बीएससी कंप्यूटर साइंस (सीएस) कार्यक्रम भी उतना ही मजबूत है। छात्रों को पायथन प्रोग्रामिंग, डेटा संरचनाएं, नेटवर्किंग, एआई और डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली जैसे प्रमुख क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाता है।
विश्वविद्यालय ने बताया कि विभाग परियोजना-आधारित शिक्षा को प्रोत्साहित करता है, जहां छात्र वास्तविक समय के अनुप्रयोग विकसित करते हैं और हैकथॉन और कोडिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं। वर्तमान उद्योग मांगों के अनुरूप साइबर सुरक्षा, नैतिक हैकिंग और डेटा एनालिटिक्स पर विशेष कार्यशालाएं भी शुरू की गई हैं। औद्योगिक और अनुसंधान प्रयोगशाला यात्राओं का आयोजन करता है।