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माहवारी के मिथकों को तोड़ते, बातचीत को बढ़ावा और स्वच्छता प्रथाओं से 85000+ का जीवन संवरा
31-May-2025 2:39 PM
माहवारी के मिथकों को तोड़ते, बातचीत को बढ़ावा और स्वच्छता प्रथाओं से 85000+ का जीवन संवरा

बालको की नयी किरण परियोजना

बालकोनगर, 31 मई । बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने बताया कि वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपनी प्रमुख सामुदायिक परियोजना ‘नयी किरण’ के माध्यम से 85,000 से अधिक लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।

श्री कुमार ने बताया कि इस पहल के अंतर्गत कंपनी ने कोरबा, छत्तीसगढ़ के 45 गांवों में माहवारी से जुड़े मिथकों को तोड़ते हुए, खुली बातचीत को बढ़ावा तथा सतत माहवारी स्वच्छता प्रथाओं को अपनाने की दिशा में प्रयास किए। प्रोजेक्ट नयी किरण का उद्देश्य माहवारी से जुड़े सामाजिक पूर्वाग्रहों को जड़ से समाप्त करना है। यह पहल लोगों को माहवारी स्वच्छता पर सही जानकारी और माहवारी संसाधन से सशक्त बना रहा है। परियोजना के अंतर्गत प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से समुदाय को सतत एवं सुरक्षित माहवारी स्वच्छता पर जागरूक किया है।

श्री कुमार ने बताया कि बालको द्वारा इस परियोजना के तहत विभिन्न कार्यक्रम संचालित की गई हैं। इसमें अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं और किशोरों को प्रशिक्षित करना, जिससे वे परिवर्तन के वाहक बन सकें। साथ ही 50 प्रतिशत सरकारी हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों को ‘माहवारी स्वच्छता प्रबंधन (एमएचएम)’ अनुकूल बनाया गया है, जहां किशोरावस्था और यौवनावस्था से संबंधित नियमित सत्र आयोजित किए जाते हैं।

श्री कुमार ने बताया कि लगभग 700 सामुदायिक सदस्यों को एमएचएम साथी के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, जो अपने समुदाय में जागरूकता फैलाने और सकारात्मक परिवर्तन लाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। बालको में हम समुदाय की समग्र भलाई को अपने विकास कार्य के केंद्र में रखते हैं। चाहे वह डोर-टू-डोर स्वास्थ्य सेवा, प्रशिक्षण सत्र या अत्याधुनिक अस्पताल हो हमारा लक्ष्य एक ऐसा वातावरण बनाना है जहाँ स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले। जागरूकता से ही सशक्तिकरण की शुरुआत होती है और हमें इस बदलाव को हर स्तर पर निरंतर रूप से आगे बढ़ाने पर गर्व है।

 

श्री कुमार ने बताया कि सरकारी स्कूल की अध्यापिका दीप्ति सिंह बताया कि एमएचएम साथी बनने का अनुभव शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों के लिए लिए अत्यंत परिवर्तनकारी रहा है। कभी जो विषय चुप्पी और गलतफहमियों से घिरा था, आज हमारे स्कूल को एक एमएचएम फ्रेंडली स्कूल के रूप में पहचान मिली है। यहाँ किशोरियाँ अब सुरक्षित, जागरूक और आत्मविश्वास से भरपूर महसूस करती हैं। नयी किरणके माध्यम से हम बच्चों को न केवल शिक्षा में बल्कि गरिमा के साथ जीवन जीने में भी सहयोग कर पा रहे हैं।

श्री कुमार ने बताया कि बालको ने वर्षों से व्यवहार परिवर्तन को प्रेरित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित की हैं। कंपनी ने सामुदायिक सत्र के माध्यम से इंटरएक्टिव सेशन जैसे चाय पे चर्चा और रात्रि चौपाल आयोजित की।


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