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रायपुर, 6 अगस्त। उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग ने बताया कि स्टील उद्योगों को दी गई राहत निश्चित ही स्वागत योग्य है। अन्य उद्योगों को भी समान राहत की अपेक्षा थी। उच्च व निम्नदाब औद्योगिक उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है जो कि 6 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक क्रमश: युनिट चार्ज एवं डिमांड चार्ज में बढ़ाया गया है।
श्री गर्ग ने बताया कि हमारे प्रदेश में तकरीबन 40 हजार एम.एस.एम.ई. इकाईयां कार्यरत है। इससे छग राज्य में स्थापित एमएसएमई उद्योगों को भारी आर्थिक नुकसान होगा। विगत 2 वित्तिय वर्षो में कोरोना महामारी एवं लॉक डाउन की वजह से राज्य के अधिकांश उद्योग आर्थिक नुकसान उठा रहें है।
श्री गर्ग ने बताया कि राज्य में स्थापित अन्य उच्चदाब के उद्योग जैसे-रोलिंग मिल, वायर ड्र्राइंग इंडस्ट्रीज, फेरस एवं नानफेरस, इंजीनियरिंग एंड फेब्रिकेशन, टेक्सटाईल, टिम्बर एवं प्लाइवुड उद्योगों की विद्युत दरें बढऩे से लागत में वृध्दि होगी जिससे उन्हें अपने उत्पाद के विक्रय करने मे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
श्री गर्ग ने यह भी बताया कि हमारा राज्य एक उत्पादक राज्य है जिसका उत्पाद अन्य राज्यों में विक्रय किया जाता है। यह स्पष्ट है कि इस विद्युत दर में वृध्दि से स्थानिय उद्योगों द्वारा उत्पादित वस्तुएॅ मंहगी हो जाएगी जिससे हम अन्य राज्यों के मुकाबले में वाणिज्यिक स्पर्धा से बाहर हो जाएंगे।
श्री गर्ग ने बताया कि एक तरफ जंहा हमारा प्रदेश विगत कई वर्षो से बाहरी निवेश के लिए लगातार प्रयासरत है उक्त विद्युत दरों की वृध्दि से हमारी पूरी मेहनत विफल हो जाएगी तथा जो इकाईयों में विगत समय मे प्रदेश सरकार के साथ में उद्योग लगाने हेतु एमओयू की इच्छा जाहिर की है, वे भी अब अपने परियोजनाओं को वर्तमान विद्युत दरों के परिपेक्ष में समीक्षा करने हेतु मजबूर होंगे।
श्री गर्ग ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में विद्युत की दरों में वृध्दि अत्यंत ही अव्यवहारिक निर्णय है। मुख्यमंत्री एवं छ.ग. राज्य विद्युत नियामक आयोग से हमारा अनुरोध है कि उपरोक्त बढ़ोत्तरी को राज्य एवं उद्योग हित में तुरंत वापस लिया जाये जिससे प्रदेश के उद्योगों को इस संकट के समय राहत की प्राप्ति होगी।