सामान्य ज्ञान
एक अर्ध देवयोनि यक्ष (नपुंसक लिंग) का उल्लेख ऋग्वेद में हुआ है। उसका अर्थ है जादू की शक्ति। यच सम्भवत: यक्ष का ही एक प्राकृत रूप है। इसलिए सम्भवत: यक्ष का अर्थ जादू की शक्तिवाला होगा और निस्सन्देह इसका अर्थ यक्षिणी है।
यक्षों की प्रारम्भिक धारणा ठीक वही थी जो पीछे विद्याधरों की हुई। यक्षों को राक्षसों के निकट माना जाता है, हालांकि वे मनुष्यों के विरोधी नहीं होते, जैसे राक्षस होते हैं। (अनुदार यक्ष एवं उदार राक्षस के उदाहरण भी पाए जाते हैं, किन्तु यह उनका साधारण धर्म नहीं है।) यक्ष तथा राक्षस दोनों ही पुण्यजन (अथर्ववेद में कुबेर की प्रजा का नाम) कहलाते हैं।
माना गया है कि प्रारंभ में दो प्रकार के राक्षस होते थे; एक जो रक्षा करते थे वे यक्ष कहलाए तथा दूसरे यज्ञों में बाधा उपस्थित करने वाले राक्षस कहलाए। यक्षों के राजा कुबेर उत्तर के दिक्पाल तथा स्वर्ग के कोषाध्यक्ष कहलाते हैं।
कारोबार सलाहकार समिति
संसद की कारोबार सलाहकार समिति में लोकसभा अध्यक्ष व 14 अन्य सदस्य होते हैं। लोकसभा अध्यक्ष समिति का पदेन अध्यक्ष होता है तथा वहीं अन्य सदस्यों की नियुक्ति भी करता है। सदन के लिए समय सारणी तैयार करना तथा सदन का कार्य सुचारु रूप से संचालित करना इस समिति के मुख्य कार्य हैं। कभी-कभी समिति अपने विवेक से विशेष सार्वजनिक महत्व के विषय पर सदन में चर्चा कराने के लिए सरकार को परामर्श भी देती है।