सामान्य ज्ञान
नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (सीएजी, कैग) के नियुक्त का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 (1) में है। नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की नियुक्ति भारत का राष्ट्रपति करता है, परन्तु उसे पद से संसद के दोनों सदनों के समावेदन पर ही महाभियोग (अनुच्छेद 148(1),124(4)) द्वारा ही हटाया जा सकेगा जिसका आधार कदाचार और असमर्थता होगा।
कैग इस साधारण नियम का अपवाद है कि संघ के सभी सिविल सेवक राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है। (अनुच्छेद 310) कैग का वेतन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के बराबर होता है। कैग सेवानिवृत के बाद भारत सरकार के अधीन कोई अन्य पद धारण करने का पात्र नही होगा। कैग की नियुक्ति छह वर्ष या 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्ति जो भी पहले हो, तक के लिए की जाती है।
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी)-नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की स्थापना वर्ष 1860 में हुई थी। कैग तीन प्रकार के लेखापरीक्षण करता है- वित्तीय, अनुपालन और निष्पादन।
नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की सूची
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक कार्यकाल
वी नरहरि राव 1948-1954
एके चन्द 1954-1960
एके राय 1960-1966
एस रंगनाथन 1966-1972
ए बख्शी 1972-1978
ज्ञान प्रकाश 1978-1984
त्रिलोकी नाथ चतुर्वेदी 1984-1990
सीएस सोमैया 1990-1996
वीके शुंगलू 1996-2002
वीएन कौल 2002-2008
विनोद राय 2008-2013
शशिकांत शर्मा 2013 से