विश्व स्वास्थ्य संगठन का दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय संगठन (डब्ल्यूएचओ-एसईएआरओ) एक ऐसा संगठन है जिसने सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत सी उपलब्धियां हासिल की हैं। यह संगठन डब्ल्यूएचओ के उन छह क्षेत्रीय संगठनों में से एक है जिसने चेचक पूरी तरह समाप्त करने, औसत जीवन दर बढ़ाने, शिशु और माता मृत्यु दर में कमी लाने, पोलियो तथा गिनी वर्म जैसी बीमारियों को समाप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।
संगठन में एंटीमाइक्रोबायल प्रतिरोधक, रक्त सुरक्षा और प्रयोगशाला टेक्नोलॉजी, एचआईवी/एड्स, कुष्ठ रोग, मलेरिया, तपेदिक, वैक्टर बोर्न और उपेक्षित उष्णकटिबंधीय प्रदेश में होने वाली बीमारियां, बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य, प्रतिरक्षण और टीके का विकास, गर्भधारण और प्रजनन स्वास्थ्य को सुरक्षित बनाने और पोषण जैसे अनेक स्वास्थ्य कार्यक्रम शामिल हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र की स्थापना 1948 में की गई थी। यह डब्ल्यूएचओ के छह क्षेत्रीय संगठनों में पहला था। डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में 11 सदस्य देश-भारत, बांग्लादेश, भूटान, कोरिया लोकतांत्रिक गणराज्य, इंडोनेशिया, मालदीव,म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड और तिमोर लेस्ते शामिल हैं। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह को स्वास्थ्य मंत्रियों की 31वीं बैठक में इसका नया क्षेत्रीय निदेशक चुना गया है।