सामान्य ज्ञान
दुनिया भर में हर सेकंड आठ टन प्लास्टिक बनता है। हर साल कम से कम 60 लाख टन प्लास्टिक कूड़ा समुद्र में पहुंच रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि महासागर भी बुरी तरह इस कचरे से भर गए हैं। अगर आप समुद्र के किनारे टहलने जाएं तो आपको प्लास्टिक की थैलियां और कचरा देखने को मिल जाएगा। प्लास्टिक के कूड़े का केवल 15 फीसदी ही सतह पर रहता है, बाकी सारा कचरा तल पर जमा हो जाता है। समुद्र को सबसे ज्यादा गंदा करने का श्रेय जाता है कोल्ड ड्रिंक की बोतलों को। लोग सागर तट पर घूमने जाते हैं और साफ सफाई की परवाह किए बिना कोल्ड ड्रिंक की बोतलों को कहीं भी फेंक आते हैं।
पानी में तैरता प्लास्टिक समुद्री जीवों के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। मछलियां प्लास्टिक की थैलियों में फंस जाती हैं और अपनी जान गंवा बैठती हैं। बतख और पानी में रहने वाले अन्य परिंदे प्लास्टिक की चीजों को खाने का सामान समझ लेते हैं। ये प्लास्टिक उनके पेट में जमा हो जाता है और उनकी जान ले लेता है। प्लास्टिक केवल जानवरों और परिंदों के लिए खतरा नहीं है, यह हमारी खाद्य श्रृंखला में भी शामिल हो चुका है। मछलियों के जरिए यह हमारे शरीर तक पहुंच जाता है, जिस से हमारी सेहत पर असर पड़ रहा है। प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल नहीं है। बच्चों के डायपर गलने में 450 साल ले लेते हैं।