सामान्य ज्ञान

यूएफा
17-Jun-2021 12:57 PM
यूएफा

यूरोपीय फुटबॉल में चैंपियंस लीग, यूरोपीय चैंपियनशिप, सुपर कप और दूसरे प्रमुख मुकाबले कराने की जिम्मेदारी यूएफा नाम के संगठन की है। यूएफा नाम है यूरोप के फुटबॉल संघों के संगठन का, जिसका गठन 14 जून, 1954  को हुआ था। 
यूएफा फुटबॉल संघ फीफा के 6 महाद्वीपीय मंडलों में से एक है। इटली, फ्रांस और बेल्जियम जैसे देशों के प्रमुख फुटबॉल संगठनों के साथ विचार विमर्श के बाद यूएफा का गठन 15 जून 1954 को स्विट्जरलैंड के बासेल शहर में हुआ था। 25 सदस्यों के साथ शुरुआत करने वाले यूएफा के इस समय 54 सदस्य हैं। बाद में कई एशियाई देश जैसे कजाकस्तान और इजराइल भी यूएफा में शामिल हो गए। सभी प्रमुख मुकाबलों से संबंधित मीडिया अधिकार, कार्यक्रम और पुरस्कारों के बारे में तय करना यूएफा के हाथ में ही है।
 

कौन थे निमि
पौराणिक आख्यानों के अनुसार निमि,  महाराज इक्ष्वाकु के पुत्र थे और महर्षि गौतम के आश्रम के समीप वैजयन्त नामक नगर बसाकर वहां का राज्य करते थे।
एक बार निमि जी एक सहस्त्र वर्षीय यज्ञ करने के लिये श्री वसिष्ठ जी को वरण किया। लेकिन उस समय श्री वसिष्ठ जी इन्द्र का यज्ञ कर रहे थे। तब निमि दूसरों से यज्ञ कराने लगे।  जब श्री वसिष्ठ जी को पता चला कि निमि दूसरों से यज्ञ करा रहे हैं तो इन्होंने शाप दे दिया कि ये शरीर से रहित हो जाएं। लोभ-वश वसिष्ठ जी ने श्राप दिया है ऐसा जानकर निमि  ने भी वसिष्ठ ऋषि को देह से रहित होने का श्राप दे दिया। जिसके कारण दोनों ही भस्म हो गए।
यज्ञ समाप्ति पर देवताओं ने प्रसन्न होकर निमि  को पुन: जीवित होने का वरदान दे रहे थे लेकिन नश्वर शरीर होने के कारण निमि  ने कहा मैं पलकों में निवास करूं, ऐसा वरदान मांगा। तभी से पलकें गिरने लगीं। ऋषियों ने एक विशेष उपचार से यज्ञ समाप्ति तक निमि का शरीर सुरक्षित रखा।  निमि के कोई सन्तान नहीं थी। इसलिए ऋषियों ने अरणि से उनका शरीर मन्थन किया, जिससे इनके एक पुत्र उत्पन्न हुआ।
जन्म लेने के कारण ‘जनक’, विदेह होने के कारण ‘बैदेह’ और मन्थन से उत्पन्न होने के कारण उसी बालक का नाम ‘मिथिल’ हुआ। उसी ने मिथिलापुरी बसाईं। इसी कुल में श्री शीरध्वज जनक के यहां आदि शक्ति सीता ने अवतार लिया था। 
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news