राष्ट्रीय

यूपी में तेंदुओं को बचाने के लिए बनेंगे 5 रेस्क्यू सेंटर
17-Feb-2021 1:54 PM
यूपी में तेंदुओं को बचाने के लिए बनेंगे 5 रेस्क्यू सेंटर

लखनऊ, 17 फरवरी | उत्तर प्रदेश में मेरठ, चित्रकूट, इटावा, गोरखपुर और पीलीभीत जिलों में 5 लेपर्ड (तेंदुआ) रेस्क्यू सेंटर बनाए जाएंगे। अभी यहां जानवरों को बचाने के लिए केवल एक ही रेस्क्यू सेंटर आगरा में है, जो कि भालू और हाथियों के लिए है। उत्तर प्रदेश में पकड़े जाने वाले जंगली जानवरों को कानपुर या लखनऊ के चिड़ियाघर में भेजा जाता है। जबकि वहां पहले से ही इतनी ज्यादा संख्या में जानवर हैं कि वहां और जानवरों को नहीं रखा जा सकता है।

एक वरिष्ठ वन अधिकारी के अनुसार, "वन क्षेत्रों में रेस्क्यू सेंटर्स स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इनका पहला मकसद घायल वन्यजीवों को इनकी सीमाओं के अंदर रखना है ताकि उपचार के बाद उन्हें सुरक्षित तरीके से जंगलों में छोड़ा जा सके। ऐसे जानवर जो कि शिकार करने में असमर्थ हैं या जो स्थायी तौर पर चोटिल हो गए हैं, अब केवल उन्हें ही चिड़ियाघर में भेजा जाएगा।"

इन नए रेस्क्यू सेंटर्स में से प्रत्येक सेंटर 100 किलोमीटर के दायरे की देखभाल करेगा। वहीं हर सेंटर को 5 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसमें मेरठ का सेंटर बिजनौर जिले के सीमावर्ती शहर हस्तिनापुर में बनाया जाएगा।

मेरठ के डीएफओ राजेश कुमार ने बताया, "प्रत्येक केंद्र बचाव, उपचार, दवाओं का संग्रहण, पिंजरों आदि की सभी व्यवस्थाएं देखेगा। इन सेंटर्स में पशु चिकित्सा कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था भी होगी। हमने स्ट्रक्चर को लेकर कुछ बदलाव करने के सुझाव दिए हैं, उनको मंजूरी मिलने के बाद ही पैसा जारी किया जाएगा।"

पिछले 3 सालों में तेंदुए के 40 से ज्यादा शावक रेस्क्यू करने वाले बिजनौर के डीएफओ एम. सेमारमन कहते हैं, "हमने 2 साल पहले ही रेस्क्यू सेंटर बनाने का प्रस्ताव भेज दिया था। यहां बड़ी बिल्लियों की आबादी काफी ज्यादा है, ऐसे में उनके इंसानों के साथ संघर्ष के मामले भी ज्यादा आते हैं। यहां रेस्क्यू सेंटर स्थापित होना एक वरदान की तरह होगा।"

हाल के दिनों तराई क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष के मामले में बढ़ोतरी हुई है। हर साल गóो की कटाई के दौरान केवल बिजनौर में ही तेंदुए के एक दर्जन से ज्यादा शावकों को रेस्क्यू किया जाता है। (आईएएनएस)
 


अन्य पोस्ट